असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए शुरू की गई सरकार की प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) पेंशन योजना को लेकर उत्साह कम होता दिख रहा है. महंगाई ने उस योजना को बड़ी चोट पहुंचाई है. योजना के लिए पंजीकरण कराने वाले लोग बढ़ने के बजाए कम हो रहे हैं. पिछले 6 महीने के दौरान 21 फीसद से ज्यादा मजदूर इस योजना से बाहर निकल गए हैं.
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए ये जानकारी दी गई है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 31 जनवरी को जहां इस योजना के सब्सक्राइबर की संख्या 56.2 लाख थी, वहीं 11 जुलाई तक ये घटकर 44.3 लाख हो गई. यानी छह महीने में 11.9 लाख सब्सक्राइबर ने योजना छोड़ दी. इससे योजना की सफलता को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
कब लाई गई थी योजना?
श्रमिक पेंशन योजना में सरकार की एक जनकल्याण योजना है. योजना फरवरी 2019 में पेश की गई थी और उन गरीब कामगारों के लिए पेश की गई थी जो देश के असंगठित (unorganized sector) क्षेत्र में काम करते हैं. योजना के लिए 18 से 40 साल के वे कामगार पंजीकरण करा सकते हैं जो महीने में 15,000 रुपए या उससे कम कमाते हैं. जब योजना पेश की गई थी तब देश के असंगठित क्षेत्र में करीब 42 करोड़ कामगार काम कर रहे थे.
क्यों योजना से दूर जा रहे हैं लोग?
इतनी बड़ी संख्या में कामगारों के योजना छोड़ने की वजह बढ़ती महंगाई हो सकती है. बढ़ती महंगाई की वजह से दूसरी जरूरतें पूरी करने पर बढ़ते खर्च से लोग योजना से बाहर निकलने पर मजबूर हो रहे हैं. योजना के तहत अगर सब्सक्राइबर योजना शुरू करने के 10 साल के भीतर बाहर निकलता है तो ऐसा करने पर वह तब तक जमा की गई राशि और उस पर मिलने वाला ब्याज लेकर निकल सकता है.
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
योजना के तहत वृद्धावस्था (old age) में हर लाभार्थी को 3,000 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी. योजना का लाभ दिहाड़ी मजदूर, सब्जी विक्रेता, चाय, ड्राइवर, रिक्शा चालक, मोची, दर्जी, घरों में काम करने वाला लोग (house help) आदि उठा सकते हैं. योजना का लाभ सरकारी कर्मचारी, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) के सदस्य नहीं उठा सकते. योजना के तहत जितना कंट्रीब्यूशन हर महीने लाभार्थी करता है, उतना ही योगदान सरकार अपनी तरफ से देती है. यानी अगर आपका कॉन्ट्रिब्यूशन 100 रुपए है तो सरकार भी इसमें 100 रुपए डालेगी. लाभार्थी को अपनी उम्र के हिसाब से मासिक योगदान देना होता है. अगर लाभार्थी की उम्र 20 साल है तो उसे महीने में 55 रुपए जमा करने होंगे, वहीं उम्र 40 साल है तो ये राशि 200 रुपए होगी.
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