व्हाट्सएप (WhatsApp) अब उसी फ़ोन में चल पाएगा जिसमें उससे लिंक्ड सिम कार्ड पड़ा होगा. जल्द व्हाट्सएप एक अपडेट लाकर सिम बाइंडिंग फ़ीचर लाने पर विचार कर रहा है. सरकार ने व्हाट्सएप से सिम बाइंडिंग फ़ीचर (Sim Binding Feature) लाने के लिए कहा है. सिम बाइंडिंग का मतलब है स्मार्टफ़ोन जैसे डिवाइस को सिम कार्ड से जोड़ना. अभी इस तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर बैंक करते हैं. बैंक के ऐप या फ़ोन पे, पेटीएम, गूगल पे जैसे पेमेंट ऐप उसी फ़ोन में काम करते हैं जिसमें बैंक खाते से जुड़ी सिम होती है. इस तकनीक का इस्तेमाल सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता है.
अभी कैसे होता है वेरिफ़िकेशन?
अभी व्हाट्एप अकाउंट बनाने के लिए जब वेरिफ़िकेशन की बारी आती है तो इसके लिए बस एक फ़ोन नंबर होना ज़रूरी होता है भले ही उसका सिम किसी दूसरे फ़ोन में क्यों न हो. या फिर जिस फ़ोन में आपका सिम है और उसी में आप व्हाट्सएप चला रहे हैं तो एक बार वेरिफ़िकेशन के बाद वो सिम निकाल भी दें तो भी व्हाट्सएप उस फ़ोन में चलता रहेगा. इसके अलावा ऐसी वेबसाइटें भी हैं जो फ़र्ज़ी नंबर बना देती हैं जिनका उपयोग करके व्हाट्सएप अकाउंट बनाया जा सकता है लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा.
क्या है उद्देश्य?
फ़र्ज़ी फोन नंबर के ज़रिए बढ़ रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब व्हाटसएप ये क़दम उठाने वाला है. दरअसल इन दिनों कई क्लोन और फ़र्ज़ी विदेशी नंबरों के ज़रिए धोखाधड़ी के केस सामने आए हैं. इस दौरान कई लोगों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी के अलावा उन्हें अश्लील वीडियो कॉल करके ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की गई. बहुत से लोगों ने इस तरह की शिकायत की थी. इसके बाद सरकार ने व्हाट्सएप से इन नंबरों पर कार्रवाई करने और अपने सिक्योरिटी फ़ीचर्स को मज़बूत करने के लिए कहा था.
कितने अकाउंट किए गए बंद?
सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय और दूर संचार विभाग के साथ मिलकर व्हाट्सएप ने कई रिपोर्ट किए गए नंबर्स को ब्लॉक भी किया है. मार्च में व्हाट्सएप ने 47 लाख अकाउंट ब्लॉक कर दिए थे. इससे पहले फरवरी में 45 लाख अकाउंट बंद किए गए थे.
नए सिक्योरिटी फ़ीचर भी लाया व्हाट्सएप
पिछले महीने व्हाट्सएप ने यूज़र्स के लिए अतिरिक्त सिक्योरिटी फ़ीचर जैसे अकाउंट प्रोटेक्ट, डिवाइस वेरिफ़िकेशन और ऑटोमेटिक सिक्योरिटी कोड की घोषणा की थी. इन नए पेश किए गए फ़ीचर्स में शामिल अकाउंट प्रोटेक्ट फीचर में एक अतिरिक्त सिक्योरिटी वेरिफ़िकेशन शामिल होगा. इसमें यदि कोई यूज़र अपने व्हाट्सएप अकाउंट को पुराने से नए डिवाइस में ले जाता है तो नए डिवाइस पर स्विच करने से पहले कंपनी यूजर्स को अपने पुराने डिवाइस पर वेरिफाई करने के लिए कहेगी.