एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई के जरिए डिजिटल भुगतान की संख्या अगस्त में कई गुना बढ़कर 10 अरब होने के पीछे ग्राहकों से दुकानदारों (पी2एम) को किए जाने वाले लेनदेन में आई तेजी की अहम भूमिका रही है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट कहती है कि जनवरी, 2018 में यूपीआई से 15.1 करोड़ लेनदेन किए गए थे और यह संख्या जून, 2023 में बढ़कर 9.3 अरब हो गई थी. अगस्त में यह आंकड़ा 10 अरब के पार पहुंच गया. इसके पीछे पी2एम लेनदेन में हुई जबर्दस्त तेजी का अहम योगदान रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2022 में पी2एम का हिस्सा कुल यूपीआई लेनदेन में 40.3 प्रतिशत था. डेढ़ साल में यह अनुपात बढ़कर जून, 2023 में 57.5 प्रतिशत हो गया. इस अनुपात के आगे भी बढ़ने का अनुमान है. इसके अलावा यूपीआई लेनदेन से भेजी जाने वाली औसत राशि का आकार भी भविष्य में इसके विस्तार का संकेत देता है. जनवरी, 2022 में यूपीआई से पी2एम लेनदेन का औसत आकार 885 रुपए था जो जून, 2023 में घटकर 653 रुपए रह गया.
इससे पता चलता है कि अब लोग कम राशि का लेनदेन भी यूपीआई के जरिए करना पसंद कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के इस्तेमाल ने टोल भुगतान के तरीके को काफी हद तक बदल दिया है. इस भुगतान में भी यूपीआई लेनदेन का प्रमुख रूप से इस्तेमाल हो रहा है.