यूपीआई से पेमेंट की बढ़ती रफ्तार ने वीजा कार्ड और मास्टर कार्ड की चिंता बढ़ा दी है. यूपीआई के जरिए भुगतान की संख्या अगस्त महीने में 10 अरब के पार हो गई है. इस समय वीजा कार्ड से हर महीने 22.5 अरब लेनदेन होते हैं, जबकि मास्टर कार्ड से हर महीने 11 अरब से अधिक का लेनदेन हो रहा है. यानी जल्दी ही यूपीआई मास्टर कार्ड को पीछे छोड़ सकता है. भारत के पास यूपीआई के जरिये 100 अरब से भी अधिक लेनदेन करने की क्षमता है, यानी आने वाले समय में यह वीजा कार्ड से भी आगे निकल सकता है.
UPI से होते हैं 10 अरब से अधिक लेनदेन
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) दिलीप असबे ने कहा कि इस समय यूपीआई के जरिए 10 अरब से अधिक लेनदेन किए जा रहे हैं. भारत के पास यूपीआई के जरिए 100 अरब से भी अधिक लेनदेन करने की क्षमता है. यानी यह देश में यूपीआई से मौजूदा समय में होने वाले मासिक लेनदेन का 10 गुना होगा. साल 2016 में एकीकृत भुगतान मंच के तौर पर यूपीआई की शुरुआत की गई थी जो बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है.
100 अरब से भी अधिक लेनदेन करने की क्षमता
दिलीप असबे ने कहा कि अभी देश भर में 35 करोड़ लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. असबे का कहना है कि अगर इसी रफ्तार से लेनदेन बढ़ता रहा तो हम मौजूदा स्थिति से 10 गुना अधिक लेनदेन तक पहुंच सकते हैं. असबे का कहना है कि आने वाले समय में भारत 2030 तक यूपीआई से रोजाना दो अरब लेनदेन करने लगेगा.
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) व्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल बढ़ाने को लेकर असबे ने कहा कि, 2030 तक भारत और दुनिया के 30 प्रमुख देशों के बीच निर्बाध भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए गठजोड़ करने की योजना है. हालांकि देश में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी दस गुना बढ़ सकता है लेकिन इसके लिए बैंकों को सही मंच मुहैया कराना जरूरी होगा.