आरबीआई (RBI) चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण यूजर्स यूपीआई का इस्तेमाल करें. साथ ही अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कैश के बजाय UPI से ही भुगतान करें. भारतीय रिजर्व बैंक और देश के कमर्शियल बैंक यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के दायरे को बढ़ाने के लिए देश के ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहुंच बढ़ाने पर काम कर रहे हैं.
RBI, बैंक और एनपीसीआई डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) भुगतान के लाभार्थियों को यूपीआई से जोड़ने पर विचार कर रहा है, जिससे वे अपनी दैनिक जरूरतों के लिए अपने खातों से कैश निकालने के बजाय डिजिटल रूप से पेमेंट कर सकें. इसके लिए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) भारत के गांवों में यूपीआई पेमेंट सिस्टम को लोकप्रिय करने के लिए स्थानीय बैंकों को यूपीआई इकोसिस्टम में लाने की कोशिश कर रहा है.
एनपीसीआई सहकारी बैंकों, जिला सहकारी बैंकों और इसी तरह के अन्य बैंकों को यूपीआई से जुड़ने के लिए सक्षम बनाने के लिए टेक्नोलॉजी फोरम सर्वत्र टेक्नोलॉजीज (Sarvatra Technologies) के साथ मिलकर काम कर रही है. एक बार जब यूपीआई पेमेंट सिस्टम इन यूजर्स को जारी कर दिए जाएंगे तो ये उन स्थानीय व्यापारियों से भी जुड़ जाएंगे जहां ये यूजर्स यूपीआई के जरिए पेमेंट कर कर पाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में करीब 960 मिलियन डेबिट कार्ड हैं. लेकिन इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि देश में लगभग 300 मिलियन ही एक्टिव UPI यूजर्स हैं. यानी बाकी ने करीब 600 मिलियन यूजर्स को यूपीआई के दायरे में लाने के लिए स्थानीय बैंक जिन्होंने डेबिट कार्ड जारी किए हैं, वे अब मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन चलाने के लिए आरबीआई से सर्टिफिकेट लेने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि ये अपने यूजर्स को यूपीआई हैंडल जारी कर सकें. सर्वत्र टेक्नोलॉजीज के संस्थापक मंदार अगाशे ने कहा कि उन्होंने जिन 700 स्थानीय बैंकों के साथ काम किया है, उनमें से 242 के लिए उन्होंने यूपीआई पेमेंट भुगतान के सिस्टम को एक्टिव करवा दिया है.
इससे पहले, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई के इकोसिस्टम के विस्तार पर कमर्शियल बैंकों और स्टेकहोल्डर्स जैसे- एनपीसीआई, मोबाइल एप्लिकेशन प्रदाताओं और टेक्नोलॉजी सर्विसेज देने वालों के साथ बैठ किया. इस बैठक में यूपीआई की पहुंच को और बढ़ाने के लिए संभावित रणनीतियों पर चर्चा की गई. इस बैठक में यूपीआई की पहुंच को बढ़ने में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों पर भी चर्चा की गई.
यूपीआई मोबाइल फोन के जरिये एक से दूसरे बैंक में तत्काल ट्रांजैक्शन की सुविधा देने वाली पेमेंट सिस्टम है. इसे आरबीआई की यूनिट भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने डेवलप किया है. गौरतलब है कि साल 2023 में साल 2022 के मुकाबले यूपीआई ट्रांजेक्शन 44 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 100 अरब से भी ज्यादा रही. इनके जरिए 182 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ.