Unclaimed Deposits In Banks: बैंकों में जमा बिना दावे वाली रकम यानी अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स राशि मार्च 2023 तक बढ़कर 42,270 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है. एक साल में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स राशि में 28 फीसद का बड़ा उछाल दिखा है. गौरतलब है कि 31 मार्च 2022 तक बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स 32,934 करोड़ रुपये था.
सरकार ने दी जानकारी
राज्यसभा में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड एक सवाल के जवाब में बताया कि 31 मार्च 2021 तक अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स राशि सरकारी बैंकों में 23,683 करोड़ रुपये और निजी बैंकों में 4141 करोड़ रुपये थे. वहीं, 31 मार्च 2022 तक सरकारी बैंकों में ये बढ़कर 27,921 करोड़ रुपये और निजी बैंकों में बढ़कर 5013 करोड़ रुपये हो गए. 31 मार्च 2023 तक सरकारी बैंकों में यह राशी बढ़कर 36,185 करोड़ रुपये और निजी बैंकों में 6,087 करोड़ रुपये हो गया.
राज्यसभा सांसद धनंजय भीमराव महादीक ने वित्त मंत्री से निजी और सरकारी बैंकों में जमा अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स को लेकर सवाल पूछा.साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार बैंकों में जिन लोगों का पैसा जमा है उनकी पहचान करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इसके जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि आरबीआई ने अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स कम करने के लिए कई जरूरी प्रयास किए हैं, जिससे सही व्यक्ति की पहचान कर उनका पैसा लौटाया जा सके.
अनक्लैम्ड डिपॉजिट्स का ऐसे लगाएं पता
वित्त मंत्री ने कहा कि 10 साल या उससे ज्यादा समय तक बैंक खाते में अनक्लैम्ड डिपॉजिट्स के पड़े रहने के बाद बैंक इस रकम को आरबीआई के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (Depositor Education and Awareness Fund) में डिपॉजिट कर देते हैं. इसके बाद सरकार ने केंद्रीय बैंक सलाह भी दी है कि आरबीआई अपनी वेबसाइट्स पर ऐसे एनक्लेम्ड डिपॉजिट्स के लिस्ट को डिस्प्ले करें. साथ ही ऐसे कस्टमर्स या फिर उनके उत्तराधिकारी का पता लगायें जो खाताधारक अब इस दुनिया में नहीं हैं ताकि उसे पैसे लौटाए जा सके. अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स का पता लगाने के लिए आरबीआई ने उद्गम (UDGAM) नाम से सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल लॉन्च किया है जिसपर जाकर कोई भी व्यक्ति बैंकों में अनक्लेम्ड डि्पॉजिट्स का पता लगा सकता है. इस वेब पोर्टल पर आप बैंकों में जमा अपने या अपनों के अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स का पता लगा सकते हैं.