यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर की जॉब के लिए अब पीएचडी (Phd) की डिग्री की जरूरत नहीं पडेगी. अगर आपने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET), राज्य पात्रता परीक्षा (SET) और राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा (SLET) पास की है, तब भी आप असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं. ये फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से लिया गया. यूजीसी ने सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए पीएचडी डिग्री की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. संशोधित नियम1 जुलाई से लागू कर दिए गए हैं.
इस सिलसिले में यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने ट्वीट करके जानकारी दी. उन्होंने लिखा, सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट), राज्य पात्रता परीक्षा (एसईटी) और राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा (एसएलईटी) न्यूनतम मानदंड होंगे. हालांकि पीएचडी की डिग्री अभी भी वैकल्पिक बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि इस कदम से उन इच्छुक उम्मीदवारों को राहत मिलेगी जो शिक्षाविदों में शामिल होना चाहते हैं. अगर उम्मीदवार NET/SET/SLET पास कर लेते हैं, तब भी वे सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे.
हालांकि, उच्च शिक्षा संस्थानों में प्राप्त आवेदनों की संख्या के आधार पर, साक्षात्कार के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित करने के लिए यूजीसी की ओर से निर्धारित न्यूनतम मानकों से ऊपर मानक तय किए जा सकते हैं. बता दें आयोग ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश स्तर के शिक्षण पद पर भर्ती के लिए साल 2018 में पीएचडी मानदंड निर्धारित किए थे.
प्रमोशन के लिए पीएचडी की होगी जरूरत
यूजीसी की ओर से बताया गया है कि एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर प्रमोशन के लिए अभी भी पीएचडी की आवश्यकता होगी. इसलिए, भले ही कोई पीएचडी के बिना सहायक प्रोफेसर के रूप में शामिल हो जाए, लेकिन एचईआई में पढ़ाते समय उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शोध करना होगा. साथ ही अगले स्तर पर पदोन्नति के लिए पात्र होने के लिए पीएचडी की जरूरत पड़ेगी.