आरबीआई (RBI) काफी समय से कमर्शियल बैंकों में गवर्नेंस पर जोर दे रहा है. इसी दरम्यान 11 सरकारी बैंकों में से छह में अभी भी कोई गैर कार्यकारी चेयरमैन नहीं है. यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कोई गैर कार्यकारी चेयरमैन नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पदों में से कुछ तो दो साल से ज्यादा समय से खाली पड़े हुए हैं.
साल में 2015 में सरकार ने चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पदों को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. चेयरमैन गैर कार्यकारी होगा और नीतिगत निर्णयों के लिए जिम्मेदार होगा. वहीं प्रबंध निदेशक बैंक के हर दिन का कामकाज संभालेगा. लेकिन 2015 में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पदों को विभाजित करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में कभी भी पार्ट टाइम चेयरमैन नहीं थे. यूको बैंक का 2015 से और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का साल 2016 से कोई गैर कार्यकारी चेयरमैन नहीं है. वहीं इंडियन बैंक में 2018 से और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 2021 से गैर कार्यकारी चेयरमैन नहीं है.
साल 2015 से सीएमडी यानी चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर की पोजीशन होती थी. लेकिन 2015 में इन पदों को अलग कर दिया गया. बैंकिंग एक्सपर्ट केबी सिंह कहते हैं कि खाली पदों का प्रभाव बैकों की गवर्नेंस पर जरूर पड़ेगा लेकिन दैनिक कामकाज पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा. चेयरमैन का काम पॉलिसी बनाना होता है. हालांकि सरकार की यह कोशिश होनी चाहिए वो इन रिक्त पदों को जल्दी भरें. देश मे चेयरमैन के पदों को भरने का जिम्मेदारी मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस की होती है.
Published - June 22, 2023, 07:59 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।