नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो, डिजनी हॉटस्टार और जियोसिनेमा जैसे ओवर-द-टॉप (OTT) वीडियो प्लेटफार्मों पर लगाम लगाने के मकसद से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने क परामर्श पत्र जारी करने की योजना बनाई है. इसमें ओटीटी प्लेटफॉर्मों के रेगुलेशन को लेकर राय मांगी गई है. इन ऐप्स को रेगुलेट करने का मकसद ग्राहकों की सुरक्षा करना है.
परामर्श पत्र में ओटीटी वीडियो प्लेटफार्मों और केबल टीवी और डायरेक्ट-टू-होम (DTH) सेवाओं जैसे पारंपरिक प्लेटफार्मों के बीच कीमत में समानता लाने की बात की जाएगी. इसके अलावा लाइव कंटेट के प्रसारण क्षेत्र के लिए कुछ नियम तैयार किए जा सकते हैं. सूचना प्रसारण नियमों के तहत चैनल के कंटेट जहां नियमों से बंधे हैं, वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्मों के लिए अभी ऐसा कोई नियम मौजूद नहीं है.
परामर्श पत्र में कंटेट के आधार पर टीवी चैनलों को परिभाषित करने जरूरत को भी देखा जाएगा. साथ ही यह तय किया जाएगा कि क्या ओटीटी पर लाइव टीवी चैनलों को अनुमति दी जानी चाहिए. नियामक इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या सभी प्लेटफार्मों पर खेल जैसी विशेष लाइव सामग्री उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. नियामक खेल अधिनियम 2007 का ओटीटी में विस्तार करना चाहता है, जो वर्तमान में खेल प्रसारकों पर लागू होता है. यह अधिनियम मीडिया अधिकार मालिकों को ओलंपिक और आईसीसी क्रिकेट विश्व कप जैसे राष्ट्रीय खेल आयोजनों को प्रसार भारती के साथ अनिवार्य रूप से साझा करने का आदेश देता है. ट्राई प्रसारण क्षेत्र में मौजूद ‘मस्ट प्रोवाइड’ और ‘मस्ट कैरी’ क्लॉज को ओटीटी पर लागू करने के मुद्दे को भी चर्चा कर सकता है. बता दें ‘मस्ट प्रोवाइड’ नियम के तहत, ब्रॉडकास्टर्स को अपने चैनलों के सिग्नल को सभी वितरण प्लेटफार्मों के साथ साझा करना होता है, जबकि ‘मस्ट कैरी’ प्रावधान में वितरण प्लेटफॉर्म बिना किसी भेदभाव के सभी ब्रॉडकास्टर्स के चैनलों को लेकर चलते हैं.