क्रेडिट कार्ड, लोन या किसी और अनचाहे प्रमोशनल कॉल मैसेज से आप भी थक गए हैं तो आपकी थकान अब जल्द टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) दूर करने वाला है. ट्राई ने अनचाहे कॉल-मैसेज से छुटकारा दिलाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को इंटीग्रेटेड DCA (Digital Consent Acquisition) प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए कहा है. इसके बाद कोई भी कंपनी बिना ग्राहक की इजाज़त के प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज नहीं भेज पाएंगी. दो महीने के भीतर इस सिस्टम को शुरू करने का निर्देश दिया गया है.
क्या है योजना? अभी प्रमोशनल मैसेज प्राप्त करने के लिए ग्राहकों की सहमति या असहमति दर्ज कराने के लिए कोई सटीक व्यवस्था नहीं है. फिलहाल रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल जैसी एक्सेस प्रोवाइडर कंपनियां अभी ग्राहकों की सहमति है या नहीं, इसकी जांच नहीं कर सकती हैं. DND सर्विस एक्टिवेट करने के बावजूद लोगों के पास प्रमोशनल कॉल आते रहते हैं. लेकिन अब DCA प्रक्रिया के पहले चरण में ग्राहक प्रमोशनल कॉल और मैसेज प्राप्त करने के लिए अपनी सहमति दर्ज करा पाएंगे. सभी टेलीकॉम कंपनियों को 123XXX से शुरू होने वाले नंबर से मैसेज भेज कर ग्राहकों की सहमति लेनी होगी. मैसेज में कॉल बैक के लिए नंबर भी होगा.
ट्राई ने साल 2018 में टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रिफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR) जारी किया था. 28 फ़रवरी 2019 में यह रेगुलेशन लागू हो गया था. इसके तहत प्रमोशनल कॉल्स-मैसेज के लिए ग्राहकों की सहमति लेने की ज़रूरत है लेकिन कंपनियों ने इसके लिए अब तक कोई फ्रेमवर्क तैयार नहीं किया था. अब दो महीने के भीतर कंपनियों को इसके लिए फ्रेमवर्क बनाना होगा और ग्राहकों प्रमोशनल कॉल मैसेज के लिए सहमति लेने, बंद करने और इसे दोबारा शुरू करने की सुविधा देनी होगी. TRAI के मुताबिक ग्राहक बैंकिंग, फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स, इंश्योरेंस, क्रेडिट कार्ड, रियल एस्टेट, एजुकेशन, हेल्थ, कंज्यूमर गुड्स और ऑटोमोबाइल, कम्यूनिकेशन, ब्रॉडकास्टिंग, एंटरटेनमेंट, आईटी और टूरिज्म में से एक या एक से ज्यादा कैटेगरी के कॉल-मैसेज को ब्लॉक कर सकते हैं.
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