जल्द ही आप अपने FM चैनल पर मनपसंद फिल्मी गानों के साथ ताजा समाचार और करेंट अफेयर्स से जुड़ी खबरें भी सुन सकेंगे. दूरसंचार नियामक ट्राई ने कोरोना महामारी के बाद पैदा हुई चुनौतियों से जूझते रेडियो चैनलों को राहत देने के लिए एक योजना तैयार की है. इस योजना के तहत ट्राई ने निजी एफएम चैनलों को समाचार और करेंट अफेयर्स से जुड़ी खबरों को प्रसारित करने की मंजूरी देने की सिफारिश की है. दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र के नियामक ट्राई ने निजी एफएम रेडियो प्रसारकों को समाचार और सामयिक मुद्दों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति देने की सिफारिश की है. इसके लिए ट्राई ने सरकार को ड्राफ्ट भेजा है.
क्या कहा ट्राई ने? भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशों में कहा कि निजी एफएम चैनल को हर घंटे में 10 मिनट के लिए समाचार और सामयिक कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति दी जाए. ट्राई के मुताबिक, इन निजी एफएम चैनलों पर भी कार्यक्रम से संबंधित वही संहिता एवं निर्देश लागू होंगे जो समाचारों के संबंध में आकाशवाणी पर लागू होते हैं. यानी अब सरकारी और निजी एफएम चैनलों के नियम सामान होने चाहिए.
जीएसटी को लेकर भी की सिफारिश इसके साथ ही ट्राई ने एफएम रेडियो से संबंधित फीचर एवं कार्य सभी मोबाइल फोन उपकरणों में सक्रिय रखने की सिफारिश भी की है. प्राधिकरण ने कहा, ‘मोबाइल फोन में एफएम रेडियो रिसीवर लगा हुआ होना चाहिए और उसे चालू या निष्क्रिय करने की जरूरत न हो.’ इससे यूजर्स को भी आसानी होगी.
इतना ही नहीं, ट्राई ने इस पर लगने वाले शुल्क को लेकर भी सिफारिश की है. विनियामक का कहना है कि एफएम रेडियो चैनल के किसी वित्त वर्ष के सकल राजस्व का चार प्रतिशत ही लाइसेंस शुल्क के रूप में लिया जाना चाहिए. इस पर अलग से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाया जाना चाहिए. इसके अलावा ट्राई ने सरकार से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से जूझ रहे एफएम रेडियो प्रसारकों को राहत देने के लिए भी कदम उठाए.
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