टेलीकॉम कंपनियों की ओर से किए जाने वाले अनचाहे (Spam) कॉल्स पर टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने सख्त रवैया अपनाया है. नियामक ने कंपनियों को निर्देश दिया कि गैर-पंजीकृत यानी नॉन रजिस्टर्ड टेलीमार्केटिंग कंपनियों के सभी टेलीकॉम संसाधनों का कनेक्शन काटा जाए. साथ ही उन्हें दो साल तक के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाए. इसके अलावा TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को यह भी निर्देश दिया कि इस संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में उन्हें हर पंद्रह दिनों में नियमित ब्योरा देते रहें.
TRAI की ओर से ये निर्देश जारी करने का मकसद बिना रजिस्ट्रेशन वाली टेलीमार्केटिंग कंपनियों की तरफ से उपभोक्ताओं को की जाने वाली स्पैम कॉल में कमी लाना और ग्राहकों को राहत देना है. TRAI ने थोक कनेक्शन और दूसरे टेलीकॉम साधनों का इस्तेमाल करने वाले सभी नॉन रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर (UTM) से प्रचार के लिए की जाने वाली कॉल पर रोक लगाना सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों के लिए अनिवार्य कर दिया है. इसमें कंप्यूटर से की गई या रिकॉर्ड की गई कॉल दोनों ही बंद होंगे.
दो साल के लिए कट जाएगा कनेक्शन
निर्देश के तहत अगर कोई गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटर इस निर्देश का उल्लंघन कर कस्टमर्स को अनचाहे कॉल करता पाया गया तो उसके सभी कनेक्शन दो साल तक के लिए काट दिए जाएंगे. इसके अलावा ऐसी गैर-पंजीकृत इकाइयों को दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट में भी डाल दिया जाएगा. इस दौरान किसी भी टेलीकॉम कंपनी की तरफ से उन्हें नए टेलीकॉम संसाधन आवंटित नहीं किए जाएंगे.
कंपनियां महीने में दो बार देंगी अपडेट
रेगुलेटर ने कहा कि यह निर्देश जारी होने के एक महीने के भीतर टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों को डीएलटी पर ट्रांसफर किया जाएगा. उसके बाद सात दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट देनी होगी. TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने नवीनतम निर्देश का अनुपालन करने और हर महीने की पहली और 16 तारीख को इस संबंध में की गई कार्रवाई पर नियमित अपडेट देने का भी निर्देश दिया है.
बता दें रेगुलेटर ने स्पैम कॉल पर लगाम लगाने के लिए पिछले हफ्ते सभी टेलीकॉम कंपनियों के नियामकीय प्रमुखों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में एयरटेल, बीएसएनएल, रिलायंस जियो, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, क्वॉड्रेंट टेलीवेंचर्स लिमिटेड (QTL) और वी-कॉन मोबाइल एंड इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने शिरकत की थी.