दूरसंचार नियामक ट्राई ने स्पैम यानी अनचाहे कॉल और मैसेज को रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को नया निर्देश जारी किया है. ट्राई ने अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटिंग कंपनियों की ओर से आने वाले स्पैम कॉल और मैसेज की पहचान और उन्हें रोकने के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी नई टेक्नोलॉजी पर आधारित यूसीसी_डिटेक्ट सिस्टम (अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन) तैनात करने का निर्देश दिया है. ट्राई ने सभी एक्सेस प्रदाताओं को निर्देशों का पालन करने और इस संबंध में किए गए उपायों के बारे में 30 दिन के भीतर अवगत कराने को भी कहा है.
ट्राई ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन्स, 2018 (TCCCPR-2018) के तहत यह निर्देश जारी किए हैं. इसके प्रावधानों के अनुसार जो संस्थाएं रजिस्टर्ड नहीं हैं उनके कॉल-मैसेज रोके जाएंगे. वे संस्थाएं जो एक्सेस प्रोवाइडर्स के साथ पंजीकृत नहीं होती हैं और मैसेज या कॉल के लिए 10 अंकों के मोबाइल नंबरों का उपयोग करती हैं, उन्हें अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स (UTM) कहा जाता है.
ट्राई अनचाहे कमर्शियल कॉल-मैसेज को रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है. 1 मई 2023 से टेलीकॉम कंपनियों को AI फिल्टर का इस्तेमाल कर बढ़ते स्पैम कॉल्स-मैसेज और धओखाधड़ी को रोकने को कहा गया था. जियो और एयरटेल AI फिल्टर का इस्तेमाल करने को तैयार भी हो गए थे लेकिन बावजूद इसके अनचाहे कॉल मैसेज रुके नहीं हैं. हालांकि ट्राई का कहना है कि पिछले दिनों उसके द्वारा उठाए गए क़दमों के बाद रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स (RTM) के खिलाफ़ शिकायतों में कमी आई है लेकिन अभी भी अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स फोन-मैसेज करके जनता को परेशान कर रहे हैं. कई बार ये UTM फर्जी लिंक और टेलीफोन नंबर वाले मैसेज भेजकर ग्राहकों को अपनी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए फंसाते हैं जिससे ग्राहकों को आर्थिक नुकसान होता है. इससे पहले 16 फरवरी 2023 को ट्राई ने हेडर और मैसेज टेम्पलेट के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कहा था.