सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में बढ़कर 35.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो सालाना आधार पर 18.2 प्रतिशत अधिक है. भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक ने यह जानकारी साझा की है. उच्चायोग में प्रथम सचिव (वाणिज्य) टी प्रभाकर ने कहा कि सिंगापुर भारत का आठवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार (2022-23) है, जिसकी भारत के कुल व्यापार में 3.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वह सिंगापुर में आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) के तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
प्रभाकर ने कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच व्यापार में 2022-23 के दौरान 18.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 35.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. उन्होंने बताया कि 2022-23 में सिंगापुर से हमारा आयात 23.6 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो सालाना आधार पर 24.4 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह सिंगापुर को भारत का निर्यात सालाना आधार पर 7.6 अरब डॉलर से बढ़कर 12 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया.
दूसरी ओर भारतीय निर्यातकों ने 2023 में यूरोपीय और लातिनी अमेरिकी देशों को निर्यात में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की है. इस दौरान रोमानिया, मोंटेनेग्रो, ऑस्ट्रिया और ग्वाटेमाला में खासतौर से भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी है. वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि जीवनयापन की ऊंची लागत, कमजोर बाहरी मांग और मौद्रिक सख्ती के कारण यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे बड़े बाजारों में प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद 2023 में यूरोपीय संघ को भारत का वस्तुओं का निर्यात 2.1 प्रतिशत बढ़ गया.
अधिकारी ने कहा कि 2023 में वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत के वस्तु निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई है. इस दौरान रोमानिया, चेक गणराज्य, मोंटेनेग्रो, फिनलैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल, लक्जमबर्ग, आइसलैंड, आयरलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे यूरोपीय देशों को भारत के निर्यात में स्वस्थ वृद्धि हुई है. अधिकारी ने कहा कि ये रुझान यूरोप में मौजूदा अनिश्चितताओं और मंदी के बावजूद भारत के व्यापार में जुझारूपन को दर्शाते हैं.