हाल ही में सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि दालों पर जो स्टॉक लिमिट लगाई गई है उस पर निगरानी बनाए रखे. सरकार के इस निर्देश की वजह तुअर दाल की महंगाई है. बीते एक साल के दौरान देश में तुअर दाल की कीमतों में करीब 37 फीसद का उछाल देखने को मिला है. 14 जून को दिल्ली में तुअर दाल का भाव 145 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, जो एक साल पहले 106 रुपए हुआ करता था. सरकार नहीं चाहती कि मुनाफाखोरी के चक्कर में व्यापारी तुअर दाल का ज्यादा स्टॉक करें, यही वजह है कि दालों पर स्टॉक लिमिट लागू की गई है.
इस साल मानसून की देरी की वजह से देश के प्रमुख तुअर उत्पादक राज्यों में तुअर की खेती प्रभावित होने की आशंका है. ऊपर से अलनीनो की वजह से मानसून सीजन में बरसात कम होने की आशंका भी है. दोनो ही परिस्थितियों में तुअर के उत्पादन पर असर पड़ सकता है. पिछले साल भी देश में तुअर उत्पादन में भारी गिरावट देखने को मिली है. जिस वजह से इस साल सप्लाई सीमित है. पिछले साल उत्पादन करीब 25 फीसद घटकर 34.30 लाख टन दर्ज किया गया है.
इस साल तुअर के अलावा अन्य दालों की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है. बीते एक साल के दौरान मूंग का भाव करीब 14 फीसद बढ़ा है और उड़द की कीमतों में 4 फीसद की तेजी आई है. हालांकि चना दाल और मसूर की कीमतें अभी नियंत्रण में नजर आ रही है. हालांकि दालों की कुल महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है.
बीते मई के दौरान देश में दालों की रिटेल महंगाई दर 6.56 फीसद दर्ज की गई है जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 4.09 फीसद हुआ करता था. दालों की महंगाई ऐसे समय पर बढ़ रही है जब कुल रिटेल महंगाई दर में गिरावट आई है. मई के दौरान रिटेल महंगाई दर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 फीसद पर रही है.