टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर झगड़े रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने सभी टोल प्लाजा के लिए नियम (SOP) जारी किए हैं. नियमों के तहत टोल कर्मचारियों को उन लोगों का वीडियो बनाने का अधिकार होगा जो टोल प्लाजा पर कर्मचारियों से झगड़ा करते हैं. NHAI के SOP के मुताबिक टोल कलेक्शन एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी टोल कर्मचारी NHAI के बताए ड्रेस कोड का पालन करेंगे. अगर टोल नाके पर किसी तरह की हिंसा होती है तो उससे निपटने का अधिकार टोल मैनेजर या लेन सुपरवाइजर को होगा. सरकार की तरफ से कहा गया है कि लेन सुपरवाइजर को बॉडी कैमरा पहनना जरूरी है और अगर टोल प्लाजा पर किसी तरह की झगड़ा होता है तो उस कैमरा से रिकॉर्डिंग करनी होगी.
टोल सुपरवाइजर को निर्देश है कि वह किसी भी तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं कहेगा और न ही झगड़ा करेगा. झगड़ा बढ़ता है तो टोल अधिकारी स्थानीय पुलिस का सहयोग ले सकते हैं. पुलिस अपनी जांच में टोल सुपरवाइजर के कैमरे की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल कर सकती है, टोल कर्मचारियों के लिए जरूरी है कि कैमरे की रिकॉर्डिंग को पुलिस को सौंपे.
NHAI के SOP के मुताबिक अगर टोल प्लाजा पर किसी गाड़ी वाले की तरफ से संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, या हिंसा की जाती है तो सबूतों और दस्तावेजों सहित उसकी पूरी जानकारी टोल कलेक्टिंग एजेंसी को पुलिस तथा NHAI प्रोजेक्ट यूनिट को सौंपनी होगी.
टोल नाकों पर कर्मचारियों और यात्रियों के बीच झगड़े कम करने के लिए NHAI ने ‘Toll Par Calm’ नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत भी की है जिसके तहत टोल प्लाजा स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है कि टोल पर झगड़ा कम करने के लिए यात्रियों के गुस्से को किस तरह मैनेज करें. इसके लिए NHAI ने पेशेवर मनोवैज्ञानिकों का सहयोग लिया है. इस अभियान के तहत NHAI ने हरियाणा के मूरथल टोल प्लाजा पर स्टाफ के लिए पहले ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया है और भविष्य में दूसरे टोल प्लाजा पर भी इस तरह के आयोजन किए जाएंगे.