US से इंपोर्टेड मसूर पर टैक्स नहीं, लेकिन वहां से आयात होता ही कितना है?

वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान तो अमेरिका से जरा भी मसूर का आयात नहीं हुआ

US से इंपोर्टेड मसूर पर टैक्स नहीं, लेकिन वहां से आयात होता ही कितना है?

सरकार ने दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका से इंपोर्ट होने वाले मसूर को कस्टम ड्यूटी से छूट दे दी है, लेकिन आंकड़े देखें तो भारत में मसूर का जितना आयात होता है उसमें अमेरिका से आने वाले मसूर की हिस्सेदारी नाममात्र ही है, बल्कि वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान तो अमेरिका से जरा भी मसूर का आयात नहीं हुआ है.

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान देश में 8.58 लाख टन मसूर का आयात हुआ है, इसमें 4.85 लाख टन मसूर कनाडा से इंपोर्ट हुआ है और 3.55 लाख टन का आयात ऑस्ट्रेलिया से हुआ है, इस दौरान अमेरिका से जरा भी मसूर का आयात नहीं हुआ है. लेकिन चालू वित्तवर्ष 2023-24 के शुरुआती दो महीने यानि इस साल अप्रैल और मई के दौरान देश में इंपोर्ट हुए 1.28 लाख टन मसूर में अमेरिका से जरूर नाममात्र 499 टन मसूर आया है. अप्रैल और मई में हुए कुल मसूर इंपोर्ट अमेरिकी मसूर की हिस्सेदारी आधा फीसद भी नहीं है.

इस साल खरीफ दलहन की खेती पिछड़ने के बाद प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में बरसात की कमी हो गई है जिस वजह से खरीफ सीजन के दलहन का उत्पादन घटने की आशंका जताई जा रही है और इस वजह से रबी दलहन यानी मसूर और चने की कीमतें भी तेज हो गई हैं. एक महीना पहले दिल्ली में मसूर दाल का भाव 87 रुपए प्रति किलो हुआ करता था जो अब बढ़कर 91 रुपए तक पहुंच गया है. त्योहारी सीजन में दालों की महंगाई और नहीं बढ़े, इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अमेरिका से मसूर आयात को ड्यूटी फ्री कर दिया है.

इससे पहले सरकार ने कई खरीफ दलहन पर स्टॉक लिमिट भी लगाई हुई है, आशंका यह भी जताई जा रही है कि सरकार मसूर और चने पर भी स्टॉक लिमिट लागू कर सकती है. हालांकि दलहन कारोबारी सरकार से दालों के आयात पर लगाई गई शर्तों में ढील देने की मांग कर रहे हैं.

Published - September 7, 2023, 10:37 IST