अक्टूबर से शुरू हो रहे नए चीनी वर्ष 2023-24 के दौरान देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में इस साल चीनी के उत्पादन में 14 फीसद की गिरावट आ सकती है. ऐसा हुआ तो उत्पादन 4 साल में सबसे कम होगा. बता दें कि सितंबर अंत में खत्म हो रहे चीनी वर्ष 2022-23 के दौरान उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ कर इस साल महाराष्ट्र फिर से देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य बना है. 2022-23 के दौरान महाराष्ट्र में 105 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन अनुमानित है लेकिन इस साल अगस्त के दौरान बरसात की कमी की वजह से गन्ने की फसल को नुकसान की आशंका है जिस वजह से अगले सीजन के दौरान महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन घटने की आशंका है.
खाद्य महंगाई में हो सकता है बढ़ोतरी
अगस्त के महीने में कम बारिश की वजह से गन्ने की उत्पादकता घटने की आशंका बढ़ गई है. बता दें कि बीते 100 साल से भी ज्यादा समय में बीता अगस्त का महीना सबसे सूखा रहा है. उत्पादन में कमी की वजह से खाद्य महंगाई में इजाफा हो सकता है. इसके अलावा सरकार चीनी निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है. उत्पादन घटने और निर्यात पर अंकुश से ग्लोबल मार्केट में चीनी की कीमतों में और इजाफा हो सकता है. गौरतलब है कि ग्लोबल मार्केट में पहले ही चीनी का दाम एक दशक से ज्यादा के ऊपरी स्तर पर है.
ऊंची कीमतों से उत्पादकों के मार्जिन में होगा सुधार
हालांकि घरेलू बाजार में कीमतों में आई मजबूती की वजह से चीनी उत्पादकों जैसे बलरामपुर चीनी, द्वारिकेश शुगर, श्री रेनुका शुगर्स और डालमिया शुगर के मार्जिन में सुधार होगा. मुनाफे में सुधार से उत्पादकों को किसानों को उनकी फसल के लिए समय पर भुगतान करने में मदद मिलेगी. वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बी बी थोम्बरे के मुताबिक 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले शुगर सीजन 2023-24 में देश के कुल चीनी उत्पादन में एक तिहाई से ज्यादा का योगदान करने वाले राज्य महाराष्ट्र में 9 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है, जो कि शुगर सीजन 2022-23 के मुकाबले कम है.
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के महीने में मानसून की बरसात सामान्य से 59 फीसद कम दर्ज की गई है. बता दें कि महाराष्ट्र में उत्पादन के आंकड़े चीनी की ग्लोबल कीमतों पर असर डालते हैं. महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंदवार के मुताबिक एक रिव्यू मीटिंग के दौरान चीनी मिलों के प्रतिनिधियों की ओर से उन्हें जानकारी दी गई थी कि लंबे समय तक सूखा रहने और ज्यादा तापमान की वजह से इस साल गन्ने की उत्पादकता घट सकती है. उनका कहना है कि सूखे से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सितंबर में अच्छी बारिश की सख्त जरूरत है.
नेपाल भारत से 20,000 मीट्रिक टन चीनी का करेगा आयात
नेपाल सरकार घरेलू मांग को पूरा करने के लिए विजयादशमी और दीपावली सहित आगामी त्योहारों से पहले भारत से 20,000 मीट्रिक टन (एमटी) चीनी आयात करेगा. उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए 60,000 मीट्रिक टन चीनी आयात करने के लिए सीमा शुल्क छूट देने का आग्रह किया था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने फिलहाल केवल 20,000 मीट्रिक टन चीनी आयात करने की अनुमति ही दी है. वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता धनीराम शर्मा के मुताबिक मंत्रालय ने सीमा शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट दी है, यानी यह पहले लगाए गए 30 प्रतिशत सीमा शुल्क से 15 फीसद कम.