देश में हैं एक लाख से ज्‍यादा मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टार्टअप

वर्तमान में देश में सरकार से मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टार्टअप्‍स की संख्‍या एक लाख से अधिक है, जो 2016 में केवल 450 थी

देश में हैं एक लाख से ज्‍यादा मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टार्टअप

पिछले छह सालों में देश का स्‍टार्टअप्‍स ईकोसिस्‍टम बहुत तेजी से विकसित हुआ है. वर्तमान में देश में सरकार से मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टार्टअप्‍स की संख्‍या बढ़कर एक लाख से ज्‍यादा हो गई है. 2016 में सरकार से मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टार्टअप्‍स की संख्‍या केवल 450 थी.

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 2016 में 450 से बढ़कर इस समय एक लाख से अधिक हो गई है. उन्होंने भरोसा जताया कि 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि होगी. गोयल ने भारत में कारोबारी सुगमता, व्यवसाय शुरू करने और संचालित करने को आसान बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया.

फोनपे ने मेड-इन-इंडिया ऐपस्टोर डेवलपर मंच किया शुरूफोनपे ने इंडस ऐपस्टोर डेवलपर मंच शुरू करने की घोषणा की है. फोनपे ने इसके साथ ही सभी एंड्रॉयड ऐप डेवलपर्स को मंच पर उनके ऐप्लीकेशन सूचीबद्ध करने के लिए आमंत्रित किया है. इंडस ऐपस्टोर डेवलपर मंच पर सूचीबद्ध ऐप पहले साल के लिए निशुल्क होंगे, जिसके बाद उनसे नाम मात्र का वार्षिक शुल्क लिया जाएगा.

कंपनी ने इसके साथ ही ऐप बाजार में मेड-इन-इंडिया ऐप स्टोर पेश करते हुए गूगल जैसी दिग्गज कंपनी को चुनौती पेश कर दी है. इंडस ऐपस्टोर के सह-संस्थापक आकाश डोंगरे ने कहा कि ऐप डेवलपर्स को अपने ऐप वितरण के लिए सिर्फ एक ऐप स्टोर- गूगल प्ले स्टोर का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने वादा किया कि नई पेशकश अधिक स्थानीयकृत, बेहतर ऐप खोज और उपभोक्ता जुड़ाव के साथ एक विश्वसनीय विकल्प होगी.

यह ऐपस्टोर भारतीय ग्राहकों के लिए तैयार किया गया है और इसमें 12 भाषाएं हैं. ऐपस्टोर में नए ऐप को बाजार में उतारने के लिए एक ‘लॉन्च पैड’ भी होगा. इंडस ऐपस्टोर इन-ऐप भुगतान के लिए डेवलपर्स से कोई शुल्क या कमीशन नहीं लेगा. डेवलपर्स अपनी पसंद के किसी भी भुगतान गेटवे को अपने ऐप से जोड़ने के लिए स्वतंत्र होंगे.

Published - September 24, 2023, 12:43 IST