दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत दूरसंचार कंपनियों ने लक्षित 4,115 करोड़ रुपये में से 2,419 करोड़ रुपए का निवेश कर लिया है. इससे 17,753 लोगों को रोजगार मिला है.
सरकार ने अक्टूबर, 2022 में 42 कंपनियों को इस योजना के तहत चुना था. इन कंपनियों ने 2025-26 को समाप्त होने वाली छह साल की योजना अवधि के दौरान कुल 4,115 करोड़ रुपए का निवेश करने, 2.45 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बिक्री उत्पन्न करने और 44,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने की प्रतिबद्धता जताई है.
वैष्णव ने कहा, ‘आज दूरसंचार क्षेत्र में हमने एक बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है जहां पीएलआई-समर्थित कंपनियों ने पहले ही 2,419 करोड़ रुपए का निवेश कर लिया है. बिक्री 34,516 करोड़ रुपये है, निर्यात 7,600 करोड़ रुपए है और 17,753 लोगों को रोजगार मिला है. यह दूरसंचार उद्योग के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है.’
मंत्री ने घरेलू कंपनी वीवीडीएन द्वारा अमेरिका स्थित टेलिट सिंटरियन के लिए 4जी तथा 5जी कनेक्टिविटी मॉड्यूल व डेटा कार्ड बनाने के लिए एक उत्पादन लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए यह बात कही. वैष्णव ने कहा, ‘बेहद जटिल विनिर्माण शुरू हो गया है और युवा लड़कियों को जटिल मशीनों को चलाने का प्रशिक्षण मिल रहा है। यह ‘मेक इन इंडिया’ और हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की सफलता है.’
वीवीडीएन पीएलआई योजना के तहत चुनी गई कंपनियों में से एक है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन पर परोक्ष हमला बोलते हुए मंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के आलोचकों को यह देखने के लिए वीवीडीएन संयंत्रों का दौरा करना चाहिए कि देश दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में कितनी गहराई हासिल कर रहा है. राजन ने कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में हो रहे ‘मूल्य वर्धन’ पर सवाल उठाए थे.