लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर मिलने वाला मैच्योरिटी लाभ अब पूरी तरह से टैक्स फ्री नहीं होगा. सीबीडीटी (CBDT) ने इसको लेकर नए नियम तय कर दिए हैं. जीवन बीमा प्रीमियम की राशि तय सीमा से ज्यादा होने पर किसी एक वित्त वर्ष में जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली कमाई पर टैक्स देना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने टैक्स की गणना करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक 1 अप्रैल 2023 को या उसके बाद खरीदी गई जीवन बीमा पॉलिसी पर मिलने वाला मैच्योरिटी लाभ पूरी तरह से टैक्स फ्री नहीं होगा.
नए दिशानिर्देश बजट 2023 में की गई घोषणा के अनुरूप जारी किए गए हैं. नए दिशानिर्देश के तहत एक वित्त वर्ष में भुगतान किया गया प्रीमियम 5 लाख रुपए से अधिक होने पर जीवन बीमा की मैच्योरिटी राशि को कर योग्य बना दिया गया है. हालांकि नए दिशानिर्देश यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी (यूलिप) को छोड़कर बाकी सभी जीवन बीमा पॉलिसी पर लागू होंगे.
नए दिशानिर्देश के अनुसार, एक अप्रैल 2023 को या उसके बाद जारी की गई पॉलिसी के लिए धारा 10(10डी) के तहत मैच्योरिटी लाभ पर टैक्स छूट केवल तभी लागू होगी, जब किसी व्यक्ति की तरफ से भुगतान किया गया कुल प्रीमियम सालाना पांच लाख रुपए तक हो. इस सीमा से अधिक प्रीमियम वाली पॉलिसी के लिए प्राप्त राशि को व्यक्ति की कुल वार्षिक आय में जोड़ा जाएगा और लागू दर के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा.
इसे उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए एक पॉलिसी है जिसका वार्षिक प्रीमियम 6 लाख रुपए है. दस साल वाली इस पॉलिसी का सम-एश्योर्ड 60 लाख रुपए है. मैच्योरिटी पर पॉलिसीधारक को लाभ के साथ 70 लाख रुपए की आय होती है. तब कुल प्राप्त रकम में से सम-एश्योर्ड को घटाकर जो राशि बचेगी, उसे बीमाधारक की वार्षिक आय में जोड़ा जाएगा. इसके बाद लागू कर दर के आधार पर टैक्स की गणना की जाएगी.
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि यूलिप में अगर एक वित्त वर्ष में प्रीमियम का भुगतान 2.5 लाख रुपए से ज्यादा किया गया है तो उससे हुई आय पर 1 फरवरी 2022 से टैक्स लग रहा है. सीबीडीटी के नए दिशानिर्देश 16 अगस्त 2023 को एक सर्कुलर और नोटिफिकेशन के जरिए जारी किए गए हैं.
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के संयुक्त भागीदार (कॉरपोरेट और अंतरराष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित ने कहा कि फॉर्मूले के अनुसार, परिपक्वता पर प्राप्त कोई भी अधिशेष राशि पर ‘अन्य स्रोतों से आय’ की श्रेणी के अंतर्गत कर लगेगा. बीमाधारक की मृत्यु पर प्राप्त राशि के लिये कराधान प्रावधान को नहीं बदला गया है और वह पहले की तरह आयकर से मुक्त होगा.
31 मार्च के पहले की मैच्योरिटी की राशि पर नहीं लगेगा टैक्स
सीबीडीटी के नए दिशानिर्देश 1 अप्रैल 2023 को या उसके बाद जारी की गई जीवन बीमा पॉलिसी के लिए लागू होंगे. ऐसे में अगर कोई जीवन बीमा पॉलिसी 31 मार्च 2023 तक जारी की गई है तो उसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि आयकर मुक्त रहेगी, फिर चाहे पॉलिसी अवधि के दौरान भुगतान की गई प्रीमियम की राशि चाहे कुछ भी रही हो.