केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने चीनी मिल मालिकों को आश्वासन दिया कि उन्हें चिंता करने की जरुरत नहीं है. एथनॉल उत्पादन के लिए चीनी के उपयोग पर सरकार की नीति के कारण उनकी समस्याओं का समाधान अप्रैल के बाद निकाला जायेगा. वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गन्ना सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत एक दिन ऊर्जा का निर्यातक बन जाएगा और ऐसा करने के लिए कृषि को विकसित करने की जरूरत है. इस संस्थान के अध्यक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार हैं.
केंद्र सरकार ने पिछले साल एथनॉल बनाने के लिए गन्ना शीरे के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में हरित ईंधन का उत्पादन करने के लिए गन्ना रस के साथ-साथ बी-भारी शीरा के उपयोग की अनुमति देकर निर्णय को उलट दिया, लेकिन चीनी के हस्तांतरण को 17 लाख टन पर सीमित कर दिया. गडकरी ने कहा कि चीनी उद्योग को एथनॉल उत्पादन को अधिक महत्व देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अधिकतम एथेनॉल , न्यूनतम चीनी, एथेनॉल के साथ, हमें फ्लेक्स इंजन वाहनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और साथ ही, जहां तक एथनॉल का सवाल है, सरकार उचित कदम उठाएगी. मुझे पता है कि आप किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं. गडकरी ने कहा, चीनी उद्योग का भविष्य इसके सहयोगी उत्पादों के साथ बहुत अच्छा है.