केंद्र ने चीनी मिलों को पहले से आवंटित 23.5 लाख टन के कोटा के अलावा इस महीने बिक्री के लिए दो लाख टन चीनी का अतिरिक्त कोटा आवंटित किया है. इसका कदम का उद्देश्य त्योहारी मौसम में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ कीमतों को नियंत्रण में रखना है. एक सरकारी बयान में कहा गया कि ओणम, रक्षा बंधन और कृष्ण जन्माष्टमी के आगामी त्योहारों के लिए चीनी की मजबूत मांग को ध्यान में रखते हुए अगस्त, 2023 महीने के लिए दो लाख टन का अतिरिक्त कोटा आवंटित किया जा रहा है. इसमें कहा गया है कि घरेलू बाजार में अतिरिक्त चीनी से पूरे देश में उचित कीमतें सुनिश्चित होंगी.
चीनी की महंगाई सालाना 2 फीसद से कम रही
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी की कीमतों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद खाद्य मंत्रालय ने कहा कि देश में चीनी की औसत खुदरा कीमत लगभग 43.30 रुपये प्रति किलोग्राम है और इसके सीमित दायरे में ही रहने की संभावना है. पिछले 10 साल में देश में चीनी की कीमतों में दो फीसद से भी कम सालाना मुद्रास्फीति रही है. चालू चीनी विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) 2022-23 के दौरान 330 लाख टन चीनी का उत्पादन का अनुमान है। वहीं घरेलू खपत करीब 275 लाख टन रहने का अनुमान है.
30 सितंबर तक 60 लाख टन स्टॉक उपलब्ध रहेगा
बयान में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में भारत के पास मौजूदा 2022-23 सत्र के शेष महीनों के लिए अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त चीनी स्टॉक है और इस सत्र के अंत यानी 30 सितंबर, 2023 तक के लिए 60 लाख टन का अधिकतम अंतिम स्टॉक उपलब्ध होगा (जो ढाई महीने के लिए चीनी की खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है). चीनी की कीमतों में हालिया वृद्धि जल्द ही कम हो जाएगी क्योंकि हर साल जुलाई-सितंबर के दौरान अगले सत्र से ठीक पहले कीमतें बढ़ती हैं और फिर गन्ना पेराई शुरू होने पर कीमतें कम हो जाती हैं. मंत्रालय ने कहा कि इस प्रकार चीनी की कीमत में वृद्धि बहुत कम अवधि के लिए है.