कुछ देशों की ओर से हाल ही में चुनिंदा मसाला उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर जताई गई चिंता को मसाला बोर्ड ने गंभीरता से लिया है. ऐसे में बोर्ड ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों में कैंसरजनक रसायन एथिलीन ऑक्साइड (ETO) का इस्तेमाल रोकने के लिए निर्यातकों को व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं.
दिशानिर्देशों के अनुसार, निर्यातकों को मसालों में रोगाणुनाशक एजेंट या किसी अन्य रूप में ईटीओ रसायन के इस्तेमाल से बचना होगा. इसके साथ ही उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज एवं पैकेजिंग सामग्री आपूर्तिकर्ता किसी भी स्तर पर इस रसायन का उपयोग न करें. बोर्ड के दिशानिर्देश के तहत निर्यातकों को आपूर्ति श्रृंखला में मसालों में ईटीओ और इसके मेटाबोलाइट की मिलावट रोकने के लिए अहम कदम उठाने होंगे.
बोर्ड की ओर से जारी नौ पेजों के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि निर्यातकों को कच्चे माल, प्रोसेस्ड सहायक सामग्री, पैकेजिंग सामग्री और तैयार माल में ईटीओ का परीक्षण करना होगा. सप्लाई सीरीज के किसी भी चरण में ईटीओ का पता लगने पर निर्यातकों को मूल कारण का विश्लेषण करना होगा. साथ ही भविष्य में इसके दोहराव से बचने के लिए एक निवारक नियंत्रण उपाय भी लागू करना होगा.
मसाला बोर्ड ने ये दिशा-निर्देश हांगकांग और सिंगापुर की ओर से लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के प्रोडक्ट को लेकर उठाए गए सवाल के बाद जारी किया गया है. बता दें विदेशी सरकार ने इन उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही इन्हें वापस करने का निर्णय लिया. उनका आरोप है कि इन उत्पादों में कैंसर का कारण बनने वाले रसायन एथिलीन ऑक्साइड का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया गया है. बता दें वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मसाला निर्यात कुल 4.25 अरब अमरीकी डॉलर था, जो वैश्विक मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत है.