अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 18 मई, 2023 को भारत की ‘बीबीबी-‘ (BBB-) रेटिंग को बरक़रार रखा है. एजेंसी ने कहा है कि मजबूत आर्थिक बुनियाद से अगले दो-तीन साल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. अगर देश के राजकोषीय घाटे में सुधार होता है और मुद्रास्फीति को लंबी अवधि तक काबू में रखा जाता है तो वह अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है.
‘बीबीबी-’ सॉवरेन रेटिंग ‘जंक’ से सिर्फ एक श्रेणी ऊपर होती है जो निवेश के लिहाज से कमजोर मानी जाती है. रेटिंग में सुधार के लिए भारत एसएंडपी के साथ काफी समय से लॉबिंग कर रहा था. लेकिन एजेंसी ने रेटिंग के साथ-साथ आउटलुक में भी कोई सुधार नहीं किया है. एसएंडपी ने भारत की शार्ट टर्म रेटिंग को भी एएए पर स्थिर रखा है.
कैसा है आउटलुक?
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है. ऐसे में, यह उम्मीद है कि अगले दो से तीन वर्षों में देश में मजबूत आधारभूत आर्थिक विकास देखने को मिलेगा. रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि सरकार राजकोष के स्तर पर चीजों को दुरुस्त करने के प्रयासों के बावजूद राजकोषीय घाटा ऊंचा और कर्ज अधिक बनाये रख सकती है.
एसएंडपी ने कहा है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और स्वस्थ राजस्व वृद्धि इसकी कमजोर वित्तीय सेटिंग को ठीक करने में मदद करेगी. एजेंसी का अनुमान है कि भारत के ठोस आर्थिक मूल सिद्धांत अगले 24 महीनों में सरकार की वित्त पोषण की जरूरतों और कर्ज पर ऊंची ब्याज दरों के बोझ का समर्थन करने के लिए पर्याप्त हैं.
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने भी मजबूत आर्थिक वृद्धि तथा बाह्य स्तर पर वित्त के मामले में अच्छी स्थिति का हवाला देते हुए भारत के लिए स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ रेटिंग दी है. आर्थिक विशेषज्ञों का आर्थिक मोर्चे पर भारत की स्थिति में सुधार आ रहा है. ऐसे में आने वाले समय में आर्थिक विकास की दर उम्मीद से बेहतर रह सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष में देशी आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान जारी किया है.