पूंजी बाजार नियामक सेबी, निवेशक के निधन के बाद उसकी सूचना और सत्यापन को लेकर सेंट्रलाइज्ड सत्यापन व्यवस्था लाने वाला है. यह केवाईसी पंजीकरण एजेंसी के जरिए होगा. नया फ्रेमवर्क 1 जनवरी, 2024 से लागू होगा.
नियामक ने नए सिस्टम में ऑपरेशनल मानदंड तैयार किए हैं, जिसमें इसमें नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों और पंजीकृत मध्यस्थों के दायित्व शामिल हैं . इनका निवेशकों या खाताधारकों के साथ इंटरफेस है. नियामक ने कहा कि जो सूचीबद्ध कंपनियां भौतिक रूप में अपने निवेशकों की सिक्योरिटीज रखती है और वे उन्हें इस तरह के सेंट्रलाइज्ड सिस्टम का हिस्सा बनाना चाहते हैं, वे अपने आरटीए के माध्यम से केआरए के साथ कनेक्टिविटी स्थापित कर सकती हैं. इसमें किसी निवेशक की मृत्यु के बारे में सूचना प्राप्त करने के बाद, संबंधित मध्यस्थ को नॉमिनी से पैन कार्ड और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा. इसके बाद उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड से मृत्यु प्रमाण पत्र को सत्यापित करना होगा.
यदि मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, तो संबंधित मध्यस्थ को सूचना के अगले कार्यदिवस तक केवाईसी पंजीकरण एजेंसी व्यवस्था में केवाईसी संशोधन अनुरोध जमा करना होगा और यह बताना होगा कि निवेशक की मृत्यु की जानकारी प्राप्त हुई और पुष्टि की प्रतीक्षा है।
मृत्यु प्रमाण पत्र के सत्यापन के बाद, संबंधित मध्यस्थ को प्रमाण पत्र के सत्यापन के उसी दिन, केआरए को एक केवाईसी संशोधन रिक्वेस्ट भेजना होगा. जिसमें निवेशक की मृत्यु की जानकारी मिलने की सूचना, मृत्यु प्रमाणपत्र सत्यापन की पुष्टि और संबंधित दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके अलावा मध्यस्थ को मृत निवेशक के खाते या पोर्टफोलियो में सभी डेबिट लेनदेन को ब्लॉक करना होगा.