पिछले दिनों चंडीगढ़ के सेक्टर-34 स्थित एक्सिस बैंक सिक्योरिटी गार्ड ने चार करोड़ रुपए की चोरी की थी. रात को उसने बैंक में रखे एक संदूक काटकर कैश निकाला और फरार हो गया. इस दौरान एक शब्द सुर्खियों में आया करेंसी चेस्ट. ये शब्द बैंकिंग शब्दावली का आम शब्द है लेकिन ज़्यादातर लोगों ने इस मामले के बाद ही इस शब्द को जाना. अब ताज़ा जानकारी ये है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की करेंसी चेस्ट में हिस्सेदारी 31 मार्च, 2023 तक 53.14 फ़ीसद हो गई है. SBI के पास इस समय 1508 करेंसी चेस्ट हैं. ये RBI के देश भर में मौजूद करेंसी चेस्ट में सबसे ज्यादा हैं. इतना ही नहीं SBI के पास मौजूदा समय में सबसे ज्यादा 1273 छोटे सिक्कों के डिपो भी हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया है कि देश में इस समय RBI के पास 2,838 करेंसी चेस्ट हैं और 2,293 सिक्कों के डिपो हैं. SBI के अलावा सबसे ज्यादा करेंसी चेस्ट (1,095) अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के पास हैं. SBI को शामिल न करें तो बाकी 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों के पास 827 सिक्कों के डिपो हैं. प्राइवेट सेक्टर बैंकों के पास RBI के 220 करेंसी चेस्ट और 179 सिक्कों के डिपो हैं. कॉपरेटिव बैंकों और ग्रामीण बैंकों के पास 5-5 करेंसी चेस्ट और सिक्कों के डिपो हैं. विदेशी बैंकों के पास RBI के 4 करेंसी चेस्ट और 3 सिक्कों के डिपो हैं. वहीं रिज़र्व बैंक ने खुद के पास 1 करेंसी चेस्ट और 1 ही सिक्कों के डिपो रखा है.
क्या होता है करेंसी चेस्ट?
देश में मुद्रा के चलन को बनाए रखने के लिए रिज़र्व बैंक ने बैंकों में करेंसी चेस्ट बना रखे हैं. बैंकों और एटीएम के लिए भेजे जाने वाले पैसे को यहां रखा जाता है. देश की 4 सरकारी प्रेस में करेंसी प्रिंट होने के बाद रिजर्व बैंक के 19 ऑफिस इन करेंसी चेस्ट में करेंसी को भेजते हैं. इसके अलावा जो नोट पुराने या चलन से बाहर हो जाते हैं वो भी इन्हीं करेंसी चेस्ट में वापस आते हैं. इन करेंसी चेस्ट की कमान RBI के हाथ में कमान होती है और बैंकों के ऊपर इनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी होती है. इसी तरह से सिक्कों के डिपो होते हैं और यहां सिक्के रखे जाते हैं.