भारत की तरफ से चावल निर्यात पर पाबंदी का असर ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमतों पर दिखा है. फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन यानी FAO के मुताबिक अगस्त के दौरान ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमतें 15 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. FAO के मुताबिक जुलाई के मुकाबले अगस्त में ग्लोबल बाजार में चावल का भाव 9.8 फीसद बढ़ा है. अगस्त के दौरान FAO का आल राइस प्राइस इंडेक्स बढ़कर 142.4 पर पहुंचा गया है जो 15 साल का ऊपरी स्तर है. इस साल FAO के आल राइस प्राइस इंडेक्स में 31.24 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
ग्लोबल मार्केट में फिलहाल भारत का बासमती चावल और सेला चावल ही बिक रहा है, गैर बासमती चावल का निर्यात बंद है. अगस्त के दौरान ग्लोबल मार्केट में भारतीय बासमती चावल का औसत भाव 1550 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया है जबकि सेला चावल का भाव 461 डॉलर प्रति टन पर है. जनवरी के दौरान ग्लोबल मार्केट में भारतीय सेला चावल का औसत भाव 387.5 डॉलर प्रति टन था.
सरकार ने जुलाई के दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, इसके बाद अगस्त में बासमती चावल के निर्यात पर 1200 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य घोषित किया था, साथ ही सेला चावल के निर्यात पर 20 फीसद टैक्स लगा दिया था. भारत की तरफ से चावल निर्यात पर लगाई गई इन पाबंदियों की वजह से ही ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमतों में उछाल आया हैय.
वित्तवर्ष 2022-23 तक दुनियाभर में भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक था और दुनिया के 150 से ज्यादा देशों को भारत का चावल एक्सपोर्ट हो रहा था. दुनिया में निर्यात होने वाले कुल चावल में भारतीय चावल की हिस्सेदारी 40 फीसद थी. लेकिन निर्यात पर पाबंदियों की वजह से दुनिया में चावल की सप्लाई बाधित हुई है और कीमतों में उछाल आया है.