चिलचिलाती गर्मी हो या कड़कड़ाती ठंड, लोगों के सफर को कैब ड्राइवर्स काफी आसान बना देते हैं, लेकिन कई बार मेहमानों के होटल या लॉज में ठहरने की वजह से उनके वाहन चालकों को भी वहां रुकना पड़ता है. चूंकि ड्राइवरों के रुकने या सोने के लिए कोई इंतजाम नहीं होता तो अक्सर उन्हें अपने कैब में ही सोना पड़ता है. वाहन चालकों की इसी तकलीफ को दूर करने के लिए तमिलनाडु सरकार ने अहम कदम उठाया है. इसके तहत अब होटल और लॉज में ठहरे मेहमानों के वाहन चालकों को रात में सोने के लिए हॉस्टल की सुविधा देना अनिवार्य कर दिया है. इससे कैब ड्राइवरों को अब गाड़ी में रात नहीं बितानी पड़ेगी.
तमिलनाडु आवास और शहरी विकास विभाग की ओर से तमिलनाडु संयुक्त विकास और भवन (टीएनसीडीबी) नियम, 2019 में संशोधन किया गया है. इस सिलसिले में 28 जून 2023 को एक शासनादेश भी जारी किया गया है. इसके तहत अब होटल और लॉज में रुके मेहमानों के वाहन चालकों को छात्रावास जैसी सुविधाएं देनी अनिवार्य होंगी. नए नियमों का उद्देश्य ड्राइवरों को अगले दिन के लिए अपना काम फिर से शुरू करने से पहले पर्याप्त आराम देना है. साथ ही ये सुनिश्चित करना है कि वाहन चालकों की नींद पूरी हो सके.
देनी होंगी ये सुविधाएं
राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन कर कहा है कि मेहमानों के ड्राइवरों को विशेष आवास उपलब्ध कराने के लिए होटल और लॉज की ओर से एक हॉस्टल का इंतजाम करना होगा. इतना ही नहीं बिस्तर के चारों ओर चलने या घूमने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. साथ ही प्रत्येक आठ बिस्तरों के लिए एक अलग शौचालय और एक बाथरूम जरूर होना चाहिए. नए नियम के तहत सोने के लिए व्यवस्था होटल या लॉज परिसर के अंदर या उससे करीब 250 मीटर के दायरे में होना चाहिए.