लोकसभा चुनाव के बाद मोबाइल टैरिफ महंगे हो सकते हैं. देश में सबसे तेज 5जी का विस्तार करने वाली रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया भी टैरिफ 20 फीसद तक महंगे कर सकती हैं. देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर रिलायंस जियो का प्रति यूजर औसत रेवेन्यू (ARPU) लगातार 2 तिमाहियों से स्थिर बना हुआ है. ARPU किसी भी कंपनी की प्रॉफिटैबिलिटी का महत्वपूर्ण मानदंड है.
इस समय ARPU के आधार पर देश में भारती एयरटेल सबसे आगे है. बाजार के एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिलायंस जियो को एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर के आधार पर भारती एयरटेल को पीछे छोड़ने के लिए आने वाले तीन साल के भीतर दो बार 15 से 20 फीसद तक टैरिफ बढ़ाने की जरूरत है.
टैरिफ बढ़ोतरी क्यों है जरुरी?
विश्लेषकों का कहना है कि टैरिफ बढ़ोतरी और ग्राहकों की बढ़ोतरी के चलते वित्त वर्ष 2027 तक जियो का ARPU 235 रुपये तक पहुंच जाएगा. वहीं, इस दौरान यानी अगले तीन वर्षों में एयरटेल का ARPU 286 रुपये पर होने की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जनवरी-मार्च तिमाही में अच्छी आय के बावजूद, Jio का ARPU 182 रुपये पर ही रहा है.
क्यों खराब हुआ जियो का ARPU
जियो के कम कीमत वाले प्लान की शुरूआती सफलता ने कंपनी का ARPU खराब कर दिया. इसके अलावा, फ्री में 5G डेटा मिलने से 4G डेटा टॉपअप में बड़ी कटौती दिख रही है. Jio के 5G ग्राहकों की संख्या 108 मिलियन तक पहुंच गई है. कंपनी का 5G नेटवर्क अब 28 फीसद वायरलेस डेटा ट्रैफ़िक का भार ढो रहा है. यानी कंपनी 28 फीसद डेटा ट्रैफिक यूजर्स को मुफ्त में ऑफर कर रही है.
क्या है जियो की मुश्किलें?
Jio इस समय सब्सक्राइबर्स हासिल करने पर जोर दे रहा है. हालांकि टैरिफ बढ़ोतरी जरुरी है क्योंकि कंपनी का फ्री कैशफ्लो वित्त वर्ष 24 में कैश इंटरेस्ट कॉस्ट में 13,600 करोड़ रुपये की बड़ी बढ़ोतरी के चलते 15,100 करोड़ रुपये पर आ गया. इसके अलावा, कंपनी का नेटवर्क कैपिटल एक्स्पेंडीचर सालाना आधार पर 60 फीसद बढ़कर 41,000 करोड़ रुपये हो गया.
इसके अलावा, निवेश में बढ़ोतरी, 5जी मोनेटाइजेशन और टैरिफ में बढ़ोतरी नहीं होने के चलते कंपनी का नियोजित पूंजी पर रिटर्न (आरओसीई) पहले से ज्यादा गिरकर 6 फीसद से भी नीचे आ गया. हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के आरओसीई (ROCE) में सुधार हो सकता है.
5जी मोनेटाइजेशन है अच्छा संकेत
FY24 में कंपनी का शुद्ध कर्ज 1.61 ट्रिलियन रुपये था. इस तिमाही के दौरान रिलायंस जियो ने 10.9 मिलियन ग्राहक जोड़े. मार्च तिमाही के अंत में, जियो के कुल ग्राहक 481.8 मिलियन थे, जो दिसंबर के अंत तक 470.9 मिलियन से अधिक रहे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी और 5जी मोनेटाइजेशन जियो के लिए बेहतर साबित हो सकता है.