RBI MPC on Ombudsman Scheme: बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में कई बार लोगों को सर्विस संबंधी समस्याएं आती हैं जिसका समाधान निकालने की व्यवस्था की गई है. रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने की प्रक्रिया आसान बनाने का ऐलान किया है. इस व्यवस्था से लोगों की परेशानियां जल्दी और आसानी से दूर होंगी. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को स्थिर रखने की जानकारी देते हुए बताया कि एमपीसी ने आम लोगों को बैंकिंग में होने वाली दिक्कतों को संज्ञान में लेते हुए इंटरनल ओम्बड्समैन स्कीम में बदलाव किया है.
ग्राहकों की शिकायतें होंगी दूर बैंकिंग चैनल में आम लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने और उनकी शिकायतों पर काम करने के लिए केंद्रीय बैंक ने बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट्स और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों के लिए इंटरनल ओम्बड्समैन स्कीम में बदलाव किया गया है. दरअसल, लोगों की शिकायतें को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक की ओम्बड्समैन व्यवस्था बने गई है. इसमें एक चैनल बैंकों व वित्तीय संस्थानों में होता है, जिसे इंटरनल ओम्बड्समैन स्कीम कहते हैं और दूसरा चैनल रिजर्व बैंक ओम्बड्समैन स्कीम है.
बदलेगी व्यवस्था फिलहाल की व्यवस्था में इंटरनल ओम्बड्समैन स्कीम सभी तरह के वित्तीय संस्थानों के लिए एक जैसी नहीं थी. शक्तिकांत दास ने बताया कि फिलहाल बैंकों, सीआईसी एनबीएफसी, पीपीआई आदि के लिए इंटरनल ओम्बड्समैन फ्रेमवर्क के फीचर एक जैसे हैं लेकिन गाइडलाइंस अलग-अलग हैं. लेकिन अब केंद्रीय बैंक ने यह तय किया है कि इन गाइडलाइंस को हर तरह के वित्तीय संस्थानों के लिए एक जैसा बनाया जाएगा. यह व्यवस्था बैंकिग सिस्टम में ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए काम करेगी.
गोल्ड लोन की लिमिट बढ़ी इस बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर ने बताया कि अब चुनिंदा शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की लिमिट को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने का फैसला किया गया है. आरबीआई के अनुसार, इसका फायदा सिर्फ उन शहरी सहकारी बैंकों को होगा, जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्रॉयरिटी सेक्टर को कर्ज देने के ओवरऑल टारगेट और सब-टारगेट को पूरा किया है.
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