भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा की, RBI ने पॉलिसी दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, रेपो रेट को 6.5 फीसद पर स्थिर रखा है. RBI ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट में बदलाव नहीं होने की वजह से बैंकों की तरफ से कर्ज की दरों में बदलाव की संभावना नहीं है. यानी न तो लोन की EMI में बढ़ोतरी की आशंका है और न ही जमा पर ज्यादा ब्याज मिलने की उम्मीद. लेकिन रिजर्व बैंक ने अपनी पॉलिसी में महंगाई को लेकर आशंका जताई है.
पॉलिसी की घोषणा करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कुछ खरीफ फसलों की खेती में आई गिरावट और जलाशयों में पानी का स्तर पिछले साल के मुकाबले कम रहने की वजह से महंगाई को लेकर चुनौती बनी हुई है. RBI गवर्नर ने यह भी बताया कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता की वजह से महंगाई का खतरा कम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर फूड और एनर्जी कीमतों पर नजर बनाए रखने की जरूरत है. रिजर्व बैंक गवर्नर के मुताबिक इस साल असंतुलित मानसून की वजह से महंगाई का खतरा बढ़ा है.
हालांकि महंगाई के खतरे के बावजूद RBI ने वित्तवर्ष 2023-24 के दौरान महंगाई दर के अनुमान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, RBI का मानना है कि 2023-24 के दौरान औसत महंगाई दर 5.4 फीसद रह सकती है. इससे पहले अगस्त पॉलिसी में भी यही अनुमान लगाया गया था. हालांकि RBI गवर्नर ने सितंबर तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 6.2 फीसद से बढ़ाकर 6.4 फीसद कर दिया है.
रिजर्व बैंक ने ग्रोथ को लेकर भी अपने अनुमान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. RBI ने वित्तवर्ष 2023-24 के दौरान ग्रोथ की दर 6.5 फीसद रहने की संभावना जताई है. सितंबर तिमाही में 6.5 फीसद, दिसंबर तिमाही में 6 फीसद और मार्च तिमाही में 5.7 फीसद ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है.