अब P2P कर्ज का मर्ज दूर करेगा RBI

कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्रीय बैंक ने उठाए कदम

  • Updated Date - June 6, 2023, 06:33 IST
अब P2P कर्ज का मर्ज दूर करेगा RBI

डिजिटल भुगतान और डिजिटल लोन के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब सीधे या पीयर टू पीयर (P2P) लोन देने वाले प्लेटफॉर्म पर लगाम लगाने की तैयारी में है. यही वजह है कि आरबीआई ने रजिस्टर्ड पी2पी लेंडिंग स्टार्टअप्स को इस साल मार्च से अप्रैल के बीच कुछ सवाल भेजकर उनके जवाब मांगे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने स्‍टार्टअप्‍स से उपभोक्‍ताओं के साथ होने वाले उनके पार्टनरशिप मॉडल, फंड के फ्लो और भागीदारों के बीच जोखिम साझा करने से जुड़े सवाल पूछे हैं.

क्या है P2P लेंडिंग?
यह एक ऐसा सिस्टम है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से लोन लेता है और जिसके बदले कर्जदाता ब्‍याज लेता है. इस पूरे प्रक्रिया में तीन कड़ी होती हैं जिसमें पहला लोन लेने वाला होता है, दूसरा लोन देने वाला यानी लेंडर वहीं तीसरा वह फिनटेक प्लेटफॉर्म जो इन दोनों को आपस में जोड़ता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एक्सपर्ट्स के अनुसार दरअसल, आरबीआई यह समझने की कोशिश कर रहा है कि क्या डिफॉल्ट गारंटी पर कोई व्यवस्था है या बहुत अधिक ब्याज दरें ली जा रही हैं. डिजिटल लेंडिंग गाइडलाइंस जारी होने के बाद इन दिशानिर्देशों के सख्‍ती से पालन की जिम्‍मेदारी रेग्युलेटेड एंटिटीज पर आ जाती है इसीलिए एनबीएफसी और पी2पी (NBFC-P2Ps) को आरबीआई की ओर से ऐसे सवाल भेजे जा रहे हैं.

RBI का क्‍या है मकसद?
आरबीआई का मकसद पी2पी पर पूरी तरह से नियंत्रण को बढ़ाना है जिससे वह लागत, कलेक्‍शन और मूल्‍यांकन प्रक्रिया की सारी गतिविधियों की निगरानी कर सके. केंद्रीय बैंक यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या कोई प्‍लेटफॉर्म धन की तत्काल वापसी की गारंटी दे रहा है या किसी व्यवसाय की बैलेंस शीट को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है.

P2P पर किसका है नियंत्रण?
पीयर टू पीयर प्लेटफॉर्म को रिजर्व बैंक से P2P- NBFC लाइसेंस लेना पड़ता है. इनके पास पंजीकरण प्रमाण पत्र होना चाहिए. साथ ही इन्‍हें आरबीआई की ओर से दिए गए दिशानिर्देश का पालन करना होता है. तय मानक के तहत पी2पी प्‍लेटफॉर्म अधिकतम 50 लाख रुपए तक का उधार दे सकता है. हालांकि, अगर कोई ऋणदाता 10 लाख रुपए से अधिक का उधार देता है, तो उसे किसी अधिकृत चार्टर्ड अकाउंटेंट से 50 लाख रुपए तक का नेटवर्थ प्रमाणित करने वाला एक प्रमाण पत्र लेना होगा. पी2पी के तहत उधार दी गई राशि के लिए अधिकतम सीमा तीन वर्ष तय की गई है.

Published - June 6, 2023, 04:50 IST