पहली कोशिश में ज्यादा सफल ना होने के बाद रिजर्व बैंक (RBI) ने सीबीडीसी (CBDC) के लिए एक नया लक्ष्य तय किया है. ऐसा सीबीडीसी को लॉन्च करने के महीनों बाद किया जा रहा है. सीबीडीसी में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तुलना में कोई एडवांटेज नहीं है और इस वजह से इसे वैसी प्रतिक्रिया नहीं मिली जिसकी उम्मीद की जा रही थी. इसे ध्यान में रखते हुए अब सीबीडीसी को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल किया जाएगा.
रिजर्व बैंक ने साल के आखिर तक हर दिन 10 लाख सीबीडीसी ट्रांजेक्शन हासिल करने का लक्ष्य रखा है. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी आर शंकर ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के एक कार्यक्रम में ये जानकारी दी है.
कैसे हर दिन 10 लाख ट्रांजेक्शन का लक्ष्य होगा पूरा?
रिजर्व बैंक सीबीडीसी को यूपीआई (Unified Payments Interface) सिस्टम के साथ इंटरऑपरेबल (interoperable) बनाकर ये लक्ष्य हासिल करना चाहती है. इंटरऑपरेबल का मतलब है दो या उससे ज्यादा सिस्टम का आपस में मिलकर काम करना. इसके तहत सीबीडीसी ट्रांजैक्शन के लिए यूपीआई क्यूआर कोड (QR codes) का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे यूजर के लिए ये प्रक्रिया आसान हो. साथ ही अगर किसी मर्चेंट के पास सीबीडीसी वॉलेट ना हो तो यूपीआई के जरिए होने वाले सीबीडीसी पेमेंट में ई-रुपी मर्चेंट या रिसीवर के बैंक खाते में जमा हो जाएगी. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शंकर का कहना है कि ट्रांजेक्शन की संख्या से आरबीआई को डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को समझने और उसे ट्रैक करने के लिए जरूरी डेटा मिलेगा.
क्या है CBDC?
सीबीडीसी रिजर्व बैंक का ई-रुपी (e-Rupee) है जिसे दिसंबर 2022 में लॉन्च किया गया था. सीबीडीसी का मतलब सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) से है. ये आपके फिजिकल रूप में मौजूद रुपए (नोट या सिक्के) का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है. ये ई-करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की मदद से काम करती है और प्राइवेट डिजिटल करेंसी का एक ज्यादा सुरक्षित विकल्प है जिसे सरकार ने खुद पेश किया है.
क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग?
सीबीडीसी में करेंसी और बैंक डिपॉजिट यानी बैंक में जमा की जाने वाली राशि, दोनों के फीचर हैं. इसके उलट क्रिप्टोकरेंसी में स्टोरेबल वैल्यू नहीं है यानी उसे आप स्टोर नहीं कर सकते.
मौजूदा स्थिति
इस समय रिटेल सीबीडीसी यानी खुदरा या सामान्य इस्तेमाल वाली सीबीडीसी के तहत हर दिन करीब 5,000 से 10,000 ट्रांजेक्शन होते हैं. इसका 13 लाख कस्टमर और 3 लाख मर्चेंट इस्तेमाल कर रहे हैं.
रिटेल सीबीडीसी के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल 13 बैंकों ने पहले ही आंशिक रूप से यूपीआई की सुविधा आंशिक रूप से शुरू कर रखी है. इस महीने (जुलाई) के अंत तक इसे पूरी तरह चालू किया जा सकता है. लेकिन इसे आगे बाकी 20-25 शीर्ष बैंकों से जोड़ने के काम में थोड़ा और समय लग सकता है.
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