भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई के ‘द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ का लाइसेंस रद्द कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं, जिसके चलते रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया. आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि लाइसेंस रद्द करने के साथ ही सहकारी बैंक को बैंकिंग कारोबार से तत्काल प्रतिबंधित कर दिया गया है, यानी अब इसमें जमा या निकासी नहीं कर सकते हैं.
आरबीआई ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है. प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपए तक की जमा बीमा दावा राशि पाने का हकदार होगा. इस तरह बैंक के लगभग 96.09 प्रतिशत जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी से अपनी पूरी जमा राशि पाने का हक होगा.
सहकारी बैंक पर लगाए ‘अंकुश’
इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने अहमदाबाद स्थित कलर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए कई तरह के अंकुश लगा दिए हैं जिनमें एक ग्राहक को अधिकतम 50,000 रुपये तक की निकासी की ही अनुमति दी गई है. आरबीआई ने बयान में कहा कि उसके द्वारा लगाए गए अंकुश 25 सितंबर को बैंकिंग कारोबार बंद होने के साथ ही लागू हो गए हैं. ये छह महीनों तक लागू रहेंगे. केंद्रीय बैंक ने कहा कि कलर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक उसकी पूर्व-अनुमति के बगैर न तो कर्ज दे सकता है और न ही पुराने ऋण का नवीनीकरण कर सकता है.
इसके अलावा कोई निवेश करने और नई जमा राशि स्वीकार करने से भी उसे रोक दिया गया है. आरबीआई ने कहा, ‘एक जमाकर्ता को बैंक के भीतर अपनी कुल जमा में से 50,000 रुपए से अधिक राशि की निकासी की मंजूरी नहीं होगी.’ इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस बैंक के खाताधारक को पांच लाख रुपए तक की जमा राशि के लिए जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम से जमा बीमा लाभ मिलेगा. इस संदर्भ में ग्राहक अधिक जानकारी के लिए बैंक अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि कलर मर्चेंट्स के खिलाफ उसके आदेशों को बैंकिंग लाइसेंस निरस्तीकरण के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उसने कहा कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति सुधरने तक इन अंकुशों के साथ कामकाज जारी रखेगा.