सरकार ने इस साल किसानों से जितना गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था. वह पूरा होता नजर नहीं आ रहा. ऐसे में सरकारी गोदामों में अगर पर्याप्त गेहूं नहीं पहुंचा, तो फ्री राशन स्कीम के लिए गेहूं की सप्लाई करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है. सरकार ने 81 करोड़ भारतीयों को फ्री राशन स्कीम दिसंबर 2028 तक लागू रखने का फैसला किया है, लेकिन यह फैसला तभी लागू हो पाएगा. जब सरकार के गोदामों में पर्याप्त अनाज होगा और इस साल सरकारी एजेंसियों ने किसानों से जितना गेहूं खरीदा है, उसे देखते हुए लग रहा है कि फ्री राशन में गेहूं या गेहूं के आटे की सप्लाई सीमित रह सकती है.
सरकार ने इस साल किसानों से 320 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन 20 मई तक किसानों से सिर्फ 260 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई है और अब जिस रफ्तार से गेहूं की खरीद हो रही है. उसे देखते हुए कहीं से लग नहीं रहा कि गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा हो पाएगा. सरकार की इस खरीद के शुरू होने से पहले यानी 1 अप्रैल को पुरानी फसल का करीब 75 लाख टन स्टॉक सरकार के गोदामों में पड़ा हुआ था.
उसको मिलाकर देखें तो 335 लाख टन ही सप्लाई है और इस सप्लाई से सरकार को फ्री राशन स्कीम के अलावा सैन्य जरूरत और दूसरी सरकारी योजनाओं को गेहूं की सप्लाई होगी. ऊपर से जरूरत पड़ने पर खुले बाजार में भी सरकार को इसी सप्लाई से गेहूं उतारना होगा और संभावना है कि सीमित सप्लाई की वजह से सिर्फ ज्यादा जरूरी जगहों के लिए गेहूं की सप्लाई होगी. जो गैर जरूरी होगा वहां पर सप्लाई में कटौती हो सकती है. ऐसी स्थिति में फ्री राशन स्कीम के लिए गेहूं की सप्लाई में कटौती की आशंका है. हो सकता है सरकार उस कटौती की भरपाई चावल से करे.
हालांकि इस साल देश में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान भी है और कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसान इस बार अपना गेहूं सरकार को तुरंत बेचने के बजाय फिलहाल रोक रहे हैं ताकी आगे भाव बढ़ने पर उसे मंडी में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकें. कृषि मंत्रालय अनुमान के मुताबिक साल 2023-24 में देश में गेहूं का उत्पादन 11.20 करोड़ टन रह सकता है जो कि अब तक का रिकॉर्ड है. बीते साल 11.05 करोड़ टन गेहूं उत्पादन हुआ था.
सरकार ने 2022 में गेहूं की कम उपज को भांपते हुए इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगाई थी और उस समय उम्मीद जताई गई थी कि उत्पादन में सुधार होने के साथ सरकार इसके निर्यात पर से रोक हटा देगी, लेकिन फसल के 2 सीजन बीत गए और सप्लाई की स्थिति वैसी नहीं दिख रही, जैसी 2 साल पहले हुआ करती थी. ऐसे में सरकार के लिए फ्री राशन स्कीम को गेहूं की सप्लाई पूरी करना तो चुनौती होगा ही. साथ में एक्सपोर्ट खुलने की उम्मीद भी नहीं है.
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