सरकार के भारी उ्दयोग मंत्रालय ने ई-स्कूटर पर दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती का प्रस्ताव दिया है. अगर इस प्रस्ताव पर अमल हुआ तो इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना महंगा हो सकता है. सब्सिडी को 40 फीसद से घटाकर 15 फीसद किए जाने का प्रस्ताव है. भारी उद्योग मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को अंतर मंत्रालय पैनल को भेज दिया है और वह पैनल ही सब्सिडी घटाने पर अंतिम फैसला लेगा. इसके अलावा इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर को दी गई जिस सब्सिडी का अभी तक इस्तेमाल नहीं हो पाया है उसका इस्तेमाल भी टू-व्हीलर्स के लिए किए जाने का प्रस्ताव है.
सब्सिडी घटानी क्यों है ज़रूरी? केन्द्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स को 10,000 करोड़ रुपए की FAME-2 स्कीम के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है. माना जा रहा है कि सब्सिडी कटौती करके बची राशि का इस्तेमाल सरकार दूसरे ई-दोपहिया वाहनों के समर्थन में खर्च करेगी. इससे इनके विस्तार में मदद मिलेगी और सरकार 2030 तक 100 प्रतिशत वाहनों को ईवी में बदलने के लक्ष्य को हासिल कर पाएगी.
EV पर कितनी सब्सिडी? FAME 2 योजना से अब तक लगभग 5.63 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को सब्सिडी का लाभ मिला है. अभी सरकार दोपहिया वाहनों पर प्रति किलोवाट के हिसाब से 15,000 रुपए की सब्सिडी देती है, जो अधिकतम वाहन की कीमत के 40 फीसदी तक हो सकती है. यह योजना 31 मार्च 2024 तक जारी रहनी है. अगर सरकार मौजूदा स्तर पर ही प्रति यूनिट सब्सिडी जारी रखती है, तो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए दी जाने वाली सब्सिडी अगले दो महीनों में खत्म हो जाएगी. वहीं सब्सिडी का प्रतिशत कम होने के बाद, फरवरी 2024 तक 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को फेम इंडिया की ओर से समर्थन दिया जा सकता है.
EV की बिक्री में कहां खड़ा है भारत? देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की तुलना अगर पूरे एशिया में हो रही बिक्री से की जाए तो इस मामले में भारत बहुत पीछे है. S&P ग्लोबल रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि 2022 के दौरान भारत में बिकी कुल गाड़ियों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.1 फीसद रही जबकि पूरे एशिया में 2022 के दौरान बिकी गाड़ियों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 17 फीसद से ज्यादा दर्ज की गई. पूरे एशिया में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां चीन में बिक रही हैं. 2022 के दौरान चीन में बिकी कुल गाड़ियों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 27 फीसद से ज्यादा दर्ज की गई. इसके बाद 10 फीसद के साथ दक्षिण कोरिया दूसरे नंबर पर रहा.
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