सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण को लेकर लिया जाने वाला फैसला काफी अरसे से रुका हुआ है. आगामी बजट में भी इस पर होने वाली घोषणा को लेकर स्थिति साफ नहीं है. हालांकि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. चूंकि मोदी सरकार अपने कार्यकाल में 2.0 बजट पेश करने वाली है और जल्द ही लोक सभा चुनाव आने वाले हैं, ऐसे में सूत्रों का मानना है कि नई सरकार के बनने के बाद ही प्राइवेटाइजेशन को लेकर फैसला लिया जाएगा.
वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट की घोषणा के समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आईडीबीआई बैंक के अलावा, दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव करते हैं. इसके लिए विधायी संशोधन की आवश्यकता होगी. वित्त मंऋी ने इसी सत्र में संशोधन पेश करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि तब से दो केंद्रीय बजट पेश किए जा चुके हैं और नौ नियमित संसद सत्र हो चुके हैं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सुविधा के लिए एक विधेयक अभी तक पेश नहीं किया गया है. दरअसल, बजट 2021 के बाद से हर संसद सत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण पर सवाल उठे हैं और सरकार ने उस पर समयसीमा या कार्रवाई के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है.
संसद के हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में वित्त राज्य मंत्री, भागवत कराड ने कहा कि केंद्रीय बजट में, दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण रणनीतिक नीति को मंजूरी देने की बात कही गई थी. साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश की घोषणा की गई थी. सरकार का उद्देश्यनिजी पूंजी के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विकास को सक्षम बनाना है. जिससे देश का आर्थिक विकास हो. नई नौकरियों का अवसर बनें और सामाजिक क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास कार्यक्रमों में योगदान दिया जा सके.
इन बैंकों का हुआ था मर्जर
पीएसबी के बीच आखिरी बड़ी गतिविधि 2019 में हुई, जब सरकार ने 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी पीएसबी में मेगा एकीकरण की घोषणा की. इसके तहत कई बैंकों का मर्जर किया गया. जिसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में, सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक में मिला दिया गया. वहीं आंध्र बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिला दिया गया.