दिल्ली हवाई अड्डा का संचालन करने वाली कंपनी डायल ने हवाई अड्डे पर खड़े रहने वाले विमानों के लिए एयरलाइंस से अधिक शुल्क वसूलने की योजना बनाई है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने कहा कि उड़ान न भर रहे ये विमान उपलब्ध पार्किंग स्थान पर कब्जा कर लेते हैं जिससे हवाई अड्डे की समग्र परिचालन दक्षता प्रभावित होती है. तकनीकी और अन्य कारणों से विमानों के सेवा में नहीं होने के मामले बढ़ रहे हैं.
डायल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि अगली यातायात गणना में हम अनुरोध करेंगे कि जो एयरलाइन कंपनियां एक निश्चित अवधि से अधिक समय से यहां विमान खड़े कर रही हैं, उनके लिए कुछ अधिक शुल्क लिया जाना चाहिए. दिल्ली हवाई अड्डे की अगली यातायात समीक्षा अगले साल की शुरुआत में होगी.
हवाई अड्डे के एक प्रवक्ता ने कहा कि इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया समेत विभिन्न एयरलाइंस के लगभग 64 विमान इस समय सेवा से बाहर खड़े हैं. इनमें इंडिगो के 24 विमान, स्पाइसजेट के छह, एयर इंडिया के दो और अलायंस एयर का एक विमान शामिल हैं. इसके अलावा परिचालन बंद कर चुकी एयरलाइंस गो फर्स्ट के 23 विमान, जूम एयर के पांच और जेट एयरवेज के तीन विमान भी हवाई अड्डे पर खड़े हैं. डायल द्वारा संचालित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीएआई) पर विमानों के लिए 295 पार्किंग स्थल हैं.