Positive Pay System: अगर आप भी चेक से बड़े ट्रांजैक्शन करते हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें, वरना आपको नुकसान हो सकता है. अब चेक जारी करने के नियम (Positive Pay System Benefits) में बदलाव हो रहा है. सात जुलाई 2023 से सार्वजनिक क्षेत्र का बड़ा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) 5 लाख रुपए या उससे ज्यादा की राशि के चेक के लिए ‘पॉजिटिव पे सिस्टम’ (Positive Pay System) लागू कर रहा है. इससे पहले और भी कई बैंकों ने इस प्रणाली को लागू कर दिया है. आइए जानते हैं क्या है ये सिस्टम और कैसे करता है काम.
आरबीआई की गाइडलाइन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग क्षेत्र में लगातार हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए इस खास सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया था. इसके बाद एक जनवरी, 2021 से केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों को पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू करने के लिए गाइलाइंस जारी कीं. आरबीआई ने अपने नोटिफिकेशन में कहा, ‘इस सुविधा का इस्तेमाल करना खाताधारक के विवेक पर है. बैंक 5 लाख रुपए और उससे अधिक की राशि के चेक के मामले में इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं.’
क्या है पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS)
पॉजिटिव पे सिस्टम को भारतीय नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन (NPCI) ने बनाया है. यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें ग्राहकों को चेक जारी करते समय उस चेक की जानकारी उस बैंक को देनी होती है जहां ग्राहक का सेविंग अकाउंट है. यानी चेक क्लीयरेंस के लिए आपको उसकी विस्तृत जानकारी देनी होगी. इससे फायदा यह होगा कि चेक के जरिए आपके बैंक खाते धोखाधड़ी नहीं होगी. इस मामले में लापरवाही बरती तो बड़ा नुकसान हो सकता है.
कैसे काम करता है PPS?
इस सिस्टम के लागू होेन से चेक के साथ होने वाली धोखाधड़ी पर शिकंजा कसा जा सकेगा. दरअसल, पीपीएस के तहत चेक जारी करने वाले को अपनी सभी जानकारियां एसएमएस, मोबाइल ऐप, नेट बैंकिंग या एटीएम से बैंक को देनी होगी. इसके बाद जब जारी किया गया चेक बैंक पहुंचेगा तो अकाउंट होल्डर की तरफ से दी गई जानकारी की जांच की पूरी जाएगी. और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर उस चेक को रिजेक्ट कर दिया जाएगा.