बिना दावा वाले डिविडेंड और शेयरों की जानकारी अब जल्द एक ही पोर्टल मिलेगी. सरकार निवेशकों के लिए एक एकीकृत पोर्टल लॉन्च करने की योजना बना रही है. फ़रवरी 2024 तक इसके लॉन्च होने की संभावना है. वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस 2023-24 के केंद्रीय बजट में इस एकीकृत पोर्टल की घोषणा की थी. इस पोर्टल के ज़रिए निवेशक तुरंत इस बात की जांच कर सकते हैं कि उनके शेयर या डिविडेंड इंवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (IEPFA) के पास पड़े हैं या नहीं.
कैसे होगा फायदा?
इस नए पोर्टल पर अनक्लेम्ड डिविडेंड और शेयरों पर दावा करने के लिए कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता कम हो जाएगी. फिलहाल रिफंड के लिए करीब दो दर्जन दस्तावेजों की जरूरत होती है, जिनकी अलग-अलग स्तर पर कई बार जांच होती है. इससे प्रक्रिया में ज्यादा देरी होती है और जिनके निपटान में 60 दिन लगने चाहिए उसमें कई बार एक साल से ज्यादा समय लग जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब क्लेम फॉर्म जमा करना और ई-सत्यापन समेत कई काम ऑनलाइन किए जा सकते हैं. इसमें निवेशकों के लिए जानकारी का एक डैशबोर्ड भी हो सकता है.
शेयर डिविडेंड कब होते हैं अनक्लेम्ड?
शेयर, डिविडेंड और मैच्योर डिबेंचर जिन पर सात सालों तक दावा नहीं किया गया है, उन्हें कंपनियों द्वारा IEPFA में स्थानांतरित कर दिया जाता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मार्च 2022 के आखिर में IEPFA के पास उपलब्ध बिना दावे वाले शेयर, डिविडेंड और मैच्योर डिबेंचर की राशि 5,262 करोड़ रुपए थी. यह एक साल पहले की तुलना में 9 फ़ीसदी ज़्यादा है. तब से ही इनमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बता दें कि आरबीआई के निर्देश पर बैंकों ने बिना दावों वाली राशि को उसके वारिशों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है.