असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की बढ़ेगी पेंशन!

पीएफआरडीए का कहना है कि मौजूदा राशि संभावित ग्राहकों के लिए योजना में नामांकन के लिए पर्याप्त आकर्षक नहीं हो सकती है

असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की बढ़ेगी पेंशन!

असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की भविष्‍य की जरूरतों का ध्‍यान रखते हुए हुए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने सरकार से अटल पेंशन योजना (APY) के तहत गारंटीकृत पेंशन राशि बढ़ाए जाने की मांग की है. इस सिलसिले में एक पत्र भेजा गया है. पीएफआरडीए का कहना है कि मौजूदा राशि संभावित ग्राहकों के लिए योजना में नामांकन के लिए पर्याप्त आकर्षक नहीं हो सकती है.

पीएफआरडीए का कहना कि उन्‍होंने सरकार से पेंशन सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है. गारंटीड पेंशन के लिए सरकार को बजटीय प्रस्ताव बनाना होता है, ऐसे में अगर पेंशन राशि बढ़ाई जाती है, तो फंडिंग भी बढ़ानी होगी. मौजूदा राशि 20 वर्षों के बाद समान मूल्य पर नहीं रह सकती है. लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर यह निर्णय लिया गया है.

क्‍या है अटल पेंशन योजना?

पीएफआरडीए की ओर से संचालिए अटल पेंशन योजना एक अंशदायी स्‍कीम है, जिसका मकसद असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक व्‍यापक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली स्थापित करना है. वर्तमान में जो ग्राहक 18 से 40 वर्ष की उम्र के बीच योगदान करते हैं, उन्हें 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद 1,000 रुपए से 5,000 रुपए तक की निश्चित पेंशन राशि मिलती है. 16 सितंबर तक, एपीवाई में 50 मिलियन ग्राहक हैं और एयूएम में 30,694 करोड़ रुपए हैं. पीएफआरडीए का अनुमान है कि एपीवाई के तहत ग्राहकों की संख्या 2023-24 के अंत तक 13 मिलियन तक बढ़ने की संभावना है, जो 2022-23 में 12 मिलियन से अधिक है. एपीवाई और नेशनल पेंशन सिस्टम का संयुक्त एयूएम मार्च 2024 के अंत तक 12 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच सकता है, जो 16 सितंबर तक 10.22 ट्रिलियन रुपए था.

एपीवाई के अलावा, एनपीएस भी असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प है. वे वार्षिक भुगतान कर सकते हैं, उन्हें मासिक योगदान करने की आवश्यकता नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों और असंगठित क्षेत्र के कई परिवारों की पूरे वर्ष अनियमित आय होती है. उनके लिए, एनपीएस, अपनी लचीली अंशदायी व्यवस्था के साथ, अधिक आकर्षक है.

Published - September 28, 2023, 12:43 IST