आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर आप टेंशन में हैं तो आपके लिए यह एक अच्छी खबर है. सरकार डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (DPDP Bill, 2022) लेकर आ रही है. बिल का ताजा मसौदा भी जारी कर दिया गया है. यह मसौदा बिल में कुछ बदलाव करता है. इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. अब मानसून सत्र में संसद से इसे हरी झंडी मिल सकती है. इसके बाद यह बिल कानून का रूप ले लेगा. नए मसौदे से जुड़ी कुछ अहम जानकारी सामने आई है और उसी से एआई को लेकर की जाने वाली इस कार्रवाई का पता चलता है.
आपका निजी डेटा प्रोसेस नहीं करेगा एआई
डेटा बिल के ताजा मसौदे के मुताबिक चैटजीपीएटी (ChatGPT) या बार्ड (Bard) जैसे एआई प्लेटफार्म या मॉडल सार्वजनिक रूप से मौजूद भारतीयों के पर्सनल डेटा को प्रोसेस नहीं कर पाएंगे. यानी वे आपका निजी डेटा इकट्ठा नहीं कर पाएंगे, उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. जहां चैटजीपीएटी को अमेरिका की कंपनी ओपनएआई (OpenAI) ने बनाया है. बार्ड गूगल (Google) का एआई प्लेटफॉर्म है. ये मॉडल आपका डेटा प्रोसेस तभी कर पाएंगे जबकि इसके लिए पूर्व मंजूरी होगी. आसान भाषा में कहें तो जब भी किसी यूजर का डेटा प्रोसेस किया जाएगा, उसके लिए एंड यूजर की मंजूरी लेनी होगी.
बिल के कानून का रूप लेने पर सीधे डेटा प्रोसेस करने की मंजूरी नहीं होगी और ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. अमेरिका में ऐसा ही कुछ हुआ है, जहां यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन ने हाल ही में चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) के खिलाफ इसी तरह के मामले में जांच शुरू की.
नहीं होगा रेगुलेशन
हालांकि भारत सरकार ने ये साफ किया है कि उसका एआई मॉडल के रेगुलेशन का कोई इरादा नहीं है. एआई से जुड़े खतरों को देखते हुए आगे हो सकता है कि रेगुलेशन के लिए कोई व्यवस्था बनाई जाए लेकिन अभी के लिए ऐसा नहीं होगा.