अपनी पहचान के लिए हर जगह पैन (PAN) व आधार (Aadhar) कार्ड की फोटो कॉपी लगाना जरूरी होता है, लेकिन कई बार इसका दुरुपयोग भी होता है. हाल ही में पैन और आधार के जरिए बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी की घटना सामने आई. इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए अब सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार पैन और आधार कार्ड का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार एक सख्त कानून प्रणाली तैयार करने पर विचार कर रही है. इसमें बड़े जुर्माने के साथ जेल का भी प्रावधान शामिल होगा. नए नियमों को डेटा संरक्षण विधेयक में शामिल किया जा सकता है जिसे संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है.
16000 नकली जीएसटी पंजीकरण का खुलासा सरकार की नई योजना के तहत मई और जून में देश के कई प्रमुख राज्यों जैसे- गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब अादि राज्यों में छापेमारी की गई. जहां सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों के पैन और आधार कार्ड चोरी करके इस्तेमाल करते हुए पाए गए. छापेमारी के दौरान4,000 शेल या फर्जी कंपनियों और लगभग 16,000 नकली जीएसटी पंजीकरण का पता चला. धोखाधड़ी के जरिए करीब 30,000 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी चोरी की गई.
कितना हुआ जीएसटी संग्रह? जीएसटी लागू होने के छह साल बाद इसका मासिक कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपए से काफी ऊपर बना हुआ है. इस साल अप्रैल, मई और जून में कलेक्शन क्रमश: 1.87 लाख करोड़ रुपए, 1.57 लाख करोड़ रुपए और 1.61 लाख करोड़ रुपए रहा है. हालांकि इतने बड़े पैमाने पर अगर अप्रत्यक्ष कर की चोरी नहीं होती तो यह आंकड़ा आसानी से 2 लाख करोड़ रुपए के करीब या उससे अधिक हो सकता था.
अभी क्या है नियम? वर्तमान में पैन या आधार के दुरुपयोग पर जुर्माना बहुत कम है. अभी इनके गलत इस्तेमाल पर महज 10,000 रुपए या छह महीने की कैद का ही प्रावधान है. इसके चलते केंद्र और राज्य दोनों को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है. इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है. इस सिलसिले में कानून को कड़ा करने की सिफारिशें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भेज दी गई हैं. इसके अलावा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड जीएसटी के लिए पंजीकृत फर्मों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और जियो-टैगिंग की भी योजना बना रहा है.
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