एनपीएस में अभी नहीं मिलेगा गारंटीड रिटर्न, PFRDA ने बताई वजह

पीएफआरडीए के चेयरमैन दीपक मोहंती ने मनी9 के साथ विशेष बातचीत में दी बड़ी जानकारी

एनपीएस में अभी नहीं मिलेगा गारंटीड रिटर्न, PFRDA ने बताई वजह

न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को आकर्षक बनाने और इसमें गारंटीड रिटर्न देने की चर्चाएं जोरों पर हैं. सरकारी स्तर पर भी इस बारे में बार-बार बयान आ रहे हैं. लेकिन यह मुद्दा पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) के रडार पर नहीं है. पीएफआरडीए के चेयरमैन दीपक मोहंती ने मनी9 के साथ विशेष बातचीत में कहा कि उनके पास एनपीएस में गारंटीड पेंशन की व्यवस्था लागू करने की अभी कोई योजना नहीं है. विभाग अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है ताकि लोग अपनी वित्तीय ताकत को मजबूत कर सकें.

क्या बताई वजह?
मोहंती ने कहा कि गारंटीड रिटर्न के लिए निवेशक को एक कीमत चुकानी पड़ती है. इसका सीधा असर यह पड़ता है कि स्कीम का रिर्टन कम हो जाता है. एनपीएस में अभी तक शानदार रिटर्न मिला है. इसकी एक साल की यील्ड 12.57 फीसद के आसपास रही है. कोई भी गारंटीड स्कीम इससे ज्यादा का रिटर्न सुनिश्चित नहीं कर सकती. अगर कोई निवेशक एनपीएस में लंबी अवधि तक निवेशित रहता है तो इसमें पर्याप्त रिटर्न की गारंटी होती है.

काफी पीछे है भारत
उन्होंने बताया कि पीएफआरडीए का पेंशन कोष 9.58 लाख करोड़ का है लेकिन यह देश की जीडीपी का महज करीब तीन फीसद ही है. अगर हम अटल पेंशन योजना (एपीवाई), कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और अन्य पेंशन योजनाओं को भी जोड़ लें तो यह जीडीपी का 16 फीसद से ज्यादा नहीं होगा. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर पेंशन फंड का औसत आकार जीडीपी का 29.44 फीसद है. दुनिया के कुछ विकसित देशों में पेंशन फंड की रकम उनकी जीडीपी का 90 से 100 फीसद तक है. इस मोर्चे पर भारत काफी पीछे है.

अनिवार्य नहीं कर सकते एनपीएस
भारत में पेंशन के प्रति लोगों में समझ की कमी स्वीकार करते हुए मोहंती ने कहा कि एनपीएस प्रणाली तेजी से बढ़ रही है. लेकिन भारत में रोजगार के हालात देखते हुए इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता है. दरअसल, यहां 90 फीसद लोग असंगठित क्षेत्र में काम करे हैं जिनके पास आय का कोई तय स्रोत नहीं है.

Published - June 28, 2023, 08:11 IST