RBI Digital Currency: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि भारत के बाहर यानी विदेशों में भुगतान के लिए अब भारत में विकसित डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का इस्तेमाल किया जा सकता है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के साथ वाला प्रोजेक्ट डनबर (Project Dunbar) की मदद से डिजिटल रुपये को ग्लोबल पेमेंट किया जा सकेगा. इस डिजिटल करेंसी को आरबीआई ने विकसित किया है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने दी जानकारी
केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने दक्षिण एशियाई देशों के गवर्नरों की बैठक में यह बात कही. माइकल पात्रा ने कहा कि इस डिजिटल रुपये को ग्लोबली ट्रांजेक्शन के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकता है. भारत के अलावा, दर्जनों दक्षिण एशियाई देश के सेंट्रल बैंक क्रॉस बॉर्डर डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट यानी CBDC Project पर काम कर रहे हैं. कुछ देशों में इसका ट्रायल हो रहा है जबकि कुछ देश लगभग चलन में आने को तैयार हैं.
इन देशों में चल रहा काम
माइकल पात्रा ने बताया कि बैंक इंडोनेशिया (Bank Indonesia), मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (Monetary Authority of Singapore) और सेंट्रल बैंक ऑफ मलेशिया (Central Bank of Malaysia) डनबर प्रोजेक्ट में जुड़े हुए हैं. इसके अलावा, बाई देशों में फिलीपींस के बैंको सेंट्रल (Bangko Sentral ng Pilipinas) प्रोजेक्ट एजिला (Project Agila) और सिंगापुर ने प्रोजेक्ट उबिन (Project Ubin) पर काम कर रहा है.
इंटरनेशनल पेमेंट हो सकता है मुमकिन
सीबीडीसी प्रोजेक्ट पर काम करने वाले देशों में थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, कंबोडिया, हॉन्गकॉन्ग, इंडिया, म्यंमार, लाओ पीडीआर, नेपाल और वियतनाम के केंद्रीय बैंक शामिल हैं. इन सभी देशों के केंद्रीय बैंक अपने-अपने देश में डिजिटल करेंसी के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.माइकल पात्रा ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म विभिन्न सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी की मदद से इंटरनेशनल पेमेंट को मुमकिन कर सकते हैं. बीआईएस के प्रोजेक्ट डनबर के तहत दो प्रोटोटाइप प्लेटफॉर्म विकसित कर लिए हैं.