मार्केट रेगुलेटर सेबी के नए नियम के मुताबिक प्रमोटर्स को अपने पारिवारिक समझौतों या व्यवस्थाओं का स्टॉक एक्सचेंजों को खुलासा करना होगा. ऐसी डील की शेयर बाजार को जानकारी देनी होगी जिनकी लिस्टेड कंपनियों के मैनेजमेंट कंट्रोल पर असर या प्रभाव पड़ता है. यह नया नियम 15 जुलाई से लागू हो जाएगा.
सेबी ने 14 जून 2023 को ही नए नियमों को अधिसूचित किया था. सेबी के इस नियम के मुताबिक अधिसूचना की तारीख तक मौजूदा समझौतों का भी स्टॉक एक्सचेंजों को खुलासा करना होगा. पहले यह समझा गया था कि केवल आगे के समझौतों का ही खुलासा किया जाना होगा, पूर्वव्यापी नहीं.
क्यों उठाना पड़ा ऐसा कदम
असल में हमारे देश में कई बिजनेस पारिवारिक स्वामित्व वाले हैं, और कई परिवारों के सदस्यों के बीच बिजनेस के चलते विवाद हो जाते हैं उदाहरण के तौर पर पुणे के किर्लोस्कर बंधुओं, बाबा कल्याणी और उनकी बहन सुगंधा हिरेमथ के बीच फार्मा कंपनी Hikal, प्रकाश और दीपक छाबड़िया के बीच Finolex Cables और कैलास चंद्र नुवाल एवं सत्यनारायण नुवाल के बीच Solar Industries को लेकर विवाद हैं. नए नियम लिस्टेड कंपनियों में कॉर्पोरेट गवर्नेंस को मजबूत करेंगे, जैसा कि पिछले कई उदाहरणों में हुआ है.
प्रमुख शेयरधारकों के बीच सभी गुप्त समझौतों का खुलासा होने से निवेशकों के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी. 14 जून 2023 को अधिसूचना में सेबी ने कहा था कि नया नियम गजट पब्लिकेशन के 30वें दिन से लागू होगा यानी कि 15 जुलाई से.
जानकारों के मुताबिक मौजूदा स्वरूप में ये नियम या संशोधन इतने व्यापक हैं कि ये संभवतः सभी समझौतों को कवर करेंगे, जिनमें इसके दायरे में अनुबंधों की unintended कैटेगरी भी शामिल हैं.
इस साल 29 मार्च को हुई बोर्ड बैठक में, सेबी ने Listing Obligations and Disclosure Requirements Regulations, 2023 में संशोधन को मंजूरी दी थी. लिस्टेड एन्टिटी को अधिसूचना की तारीख पर मौजूद समझौतों की संख्या का भी खुलासा करना चाहिए, जिसमें वेबपेज का लिंक भी शामिल है जहां ऐसे समझौतों का विवरण उपलब्ध है.