आसान होगी डिजिटल लोन की राह, लेकिन ध्यान रखें

RBI डिजिटल लेंडिंग में फर्स्ट डिफॉल्ट गांरटी को दी मंजूरी

आसान होगी डिजिटल लोन की राह, लेकिन ध्यान रखें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी (FLDG) योजना को मंजूरी दे दी है. यह ऐलान मौद्रिक नीति की बैठक (एमपीसी मीटिंग) के बाद किया गया. FLDG योजना भारतीय फिनटेक को बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंनपनियों (NBFC) के साथ साझेदारी करने की इजाजत देता है. इसके तहत लोन में डिफॉल्ट होने पर थर्ड पार्टी यानी फिनटेक फंड मुहैया कराने वाले बैंकों या रजिस्टर्ड एंटिटी (आरई) के नुकसान की भरपाई करती है. इससे आरई को अपना कस्टमर बेस बढ़ाने में मदद मिलती है. आरबीआई की इस पहल से डिजिटल लोन की राह आसान हो जाएगी लेकिन ध्यान रखें फिनटेंक कंपनियों के जरिए लिया गया लोन बैंकों की तुलना में महंगा पड़ता.

आरबीआई ने जारी की गाइडलाइंस

दरअसल, इससे पहले साल 2022 की गाइडलाइन में आरबीआई एफएलडीजी के पक्ष में नहीं था. आरबीआई का कहना था कि ये कर्ज बांटने वाले को जोखिम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं. लेकिन अब इसे सख्त नियमों के साथ मंजूरी दी है. इसके तहत लोन में डिफॉल्ट होने पर थर्ड पार्टी यानी फिनटेक कंपनी बैंकों के नुकसान की भरपाई करती है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सभी पक्ष धारकों के साथ बात करने के बाद और इनोवेशन और बाकी मुद्दे पर विचार कर सभी जोखिम के बीच संतुलन बनाते हुए डिजिटल लेंडिग में डिफॉल्ट लॉस गारंटी अरेंजमेंट (DLGA) को मंजूरी दे दी है. आरबीआई ने इसके लिए गाइडलाइंस जारी किया है जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गई हैं.

क्या है गाइडलाइंस

– आरबीआई की तरफ से जारी एफएलडीजी की गाइडलाइंस के अनुसार, गारंटी कैश डिपॉजिट, कर्ज देने वाले बैंक के पक्ष में फिक्स़्ड डिपॉजिट या फिर कोई बैंक डिपॉजिट के रूप में होना अनिवार्य है.
– इसके तहत आरई सिर्फ उन लैंडिग सर्विस प्रोवाइडर या दूसरे आरई के साथ डिफॉल्ट लॉस गारंटी एग्रीमेंट कर सकते हैं जिनके साथ पहले उनका आउटसोर्सिंग एग्रीमेंट हुआ हो.
– आरई के पोर्टफोलियो में किसी लोन एसेट की एनपीए के रूप में पहचान करें और उसी के आधार पर प्रोविजिनिंग करना आरई की जिम्मेदारी होगी.
– ये गाइडलाइंस कमर्शियल बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, एनबीएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी शामिल) हैं और एलएसपी पर लागू होंगी.

क्या होती है एफएलडीजी?

लोन सर्विस प्रोवाइडर बैंकों और एनबीएफसी से फंड लेकर ग्राहकों को देते हैं. एफएलडीजी के तहत लोन सर्विस प्रोवाइडर बांटे गए लोन की गारंटी लेते हैं. यानी अगर कोई ग्राहक अपने लोन में डिफॉल्ट करता है तो लोन सर्विस प्रोवाइडर आरई के नुकसान की भरपाई करते हैं. आरबीआई ने फिनटेक की नुकसान भरपाई करने की क्षमता की निर्भरता को देखते हुए निर्देश जारी किया है.

Published - June 9, 2023, 01:37 IST