दिल्ली में बाइक टैक्सी अभी नहीं चल पाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें नई नीति तैयार होने तक बिना एग्रीगेटर लाइसेंस के बाइक टैक्सी कंपनियों को चलने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 12 जून को जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के हक़ में फै़सला दे दिया. हालांकि दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में ओला, उबर और रैपिडो की बाइक टैक्सी का परिचालन हो रहा है.
बता दें कि 19 फरवरी, 2023 को दिल्ली सरकार ने एक पब्लिक नोटिस जारी करके दिल्ली में बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी थी. 21 फरवरी को हाई कोर्ट ने इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले रैपिडो और उबर को दोपहिया गैर परिवहन वाहनों को नई नीति जारी होने तक के दिल्ली में चलने की इजाज़त दे दी थी. साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक दिल्ली सरकार मोटर वाहन अधिनियम में आवश्यक नियमों को अधिसूचित नहीं करती है, तब तक बाइक टैक्सी एग्रीगेटर्स और चालकों पर कोई सख़्त कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. इसके बाद आप सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर्स उबर के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि 2019 से ही भारत के कई राज्यों में बाइक टैक्सी चल रही है. उन्होंने बेंच से कहा कि कि मोटर वाहन अधिनियम में इस पर किसी तरह का बैन नहीं है. कौल ने कहा कि बिना नीति के अचानक बाइक टैक्सी बंद कर देने से दिल्ली एनसीआर में 35000 से ज्यादा लोगों से उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रभावित और असंतुष्ट पक्षकरा जब कोर्ट में आएंगे तो इस संबंध में विचार किया जाएगा.