चुनाव से पहले सरकार का तोहफा, बढ़ाई मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी दर में में 3-10 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की

चुनाव से पहले सरकार का तोहफा, बढ़ाई मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी

लोकसभा चुनाव से पहले श्रमिकों का दिल जीतने के लिए सरकार ने उनकी मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी दर में में 3-10 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की. नई वेतन दरें 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगी. इस सिलसिले में सरकार ने सर्कुलर भी जारी किया है.

सर्कुलर के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मजदूरी दरों में 2023-24 की तुलना में 2024-25 में सबसे कम 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि गोवा में सबसे ज्‍यादा 10.6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. चूंकि इन दिनों आम चुनावों के लिए देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू है, ऐसे में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चुनाव आयोग से नई मजदूरी दरों को लागू करने की अनुमति मांगी थी, इसके बाद ही नियम को अमल में लाया जा रहा है. मनरेगा मजदूरी में अंतिम संशोधन 24 मार्च, 2023 को किया गया था. उस समय विभिन्न राज्यों के लिए मजदूरी दर में वृद्धि दो से 10 प्रतिशत तक थी.

किस राज्‍य में कितना बढ़ा पैसा?

– नए नियम के तहत गोवा श्रमिकों को सबसे ज्‍यादा फायदा होगा. उन्‍हें पहले 322 रुपए प्रतिदिन मिलते थे, जो अब बढ़कर 356 रुपए हो गए हैं.
– कर्नाटक में मनरेगा मजदूरी दर 349 रुपए हो गई है, जो पहले 316 रुपए प्रतिदिन थी
– मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी दर 221 रुपए से बढ़कर 243 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है.
– उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड में काम करने वाले मजदूरों की रोजाना देहाड़ी 230 रुपए से बढ़कर 237 रुपए कर दी गई है.
– हरियाणा, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड,राजस्थान, केरल और लक्षद्धीप में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है. पहले इन्‍हें 267 रुपए रोजाना मिलते थे, जो अब बढ़कर 285 रुपए हो गए हैं.

समिति ने की थी पैसा बढ़ाने की सिफारिश

इस साल की शुरुआत में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में, ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसदीय स्थायी समिति ने राज्यों में मनरेगा मजदूरी को बढ़ाए जाने की अपील की थी. उन्‍होंने कहा था कि श्रमिकों की मजदूरी अपर्याप्त है और बढ़ती महंगाई के हिसाब से जीवन जीने के लिए काफी नहीं है. पैनल ने अनूप सत्पथी समिति की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसने सिफारिश की थी कि मनरेगा के तहत मजदूरी 375 रुपए प्रति दिन होनी चाहिए.

Published - March 28, 2024, 12:51 IST